ग्रीन जोन की मिली छूट का फायदा अब धीरे-धीरे छतरपुर के बाजार को मिलने लगा है। 44 दिन के लंबे लॉकडाउन के बाद बुधवार को छतरपुर शहर के बाजार में सराफा, कपड़ा, फुटवेयर, बर्तन, हार्डवेयर सहित अन्य प्रतिष्ठान खोले गए। मुंबई में सराफा बाजार बंद होने के कारण बुधवारा के सराफा व्यापारियों के पास सोने और चांदी के दामों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं थी। इस कारण ज्वेलर्स ने अपने प्रतिष्ठान तो खोले लेकिन जेवरात की बिक्री नहीं की। कोरोना वायरस के खतरे के चलते दुकानों पर कम संख्या में ही ग्राहक पहुंच रहे हैं।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा 22 मार्च को देश में जनता कर्फ्यू घोषित किया गया था। तभी से छतरपुर जिला बंद है। सिर्फ जरूरी सामग्री की दुकानें ही गाइड लाइन के अनुसार खुल रही थीं। मंगलवार की शाम जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में जिले की आर्थिक स्थित को सामान्य करने के लिए सराफा, कपड़ा, फुटवेयर, बर्तन, हार्डवेयर सहित अन्य प्रतिष्ठानों को एक दिन के अंतराल से खोलने की अनुमति जिला प्रशासन द्वारा दी गई है। अनुमति मिलने के बाद मुख्य बाजार स्थित यह प्रतिष्ठान बुधवार की सुबह खुले। इनमें से कपड़ा, फुटवेयर, बर्तन और हार्डवेयर सहित अन्य दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान से सामान की बिक्री की। पर सराफा व्यापारियों ने सोने और चांदी के रेट तय न होने कारण आभूषणों की बिक्री नहीं की। बुधवार की सुबह से शाम तक प्रतिष्ठान खुले रहे, पर रेट तय न होने के कारण ग्राहक दुकान पर पहुंचने के बाद भी आभूषणों की बिक्री नहीं की गई।
बहुत दिन बाद बाजार खुलने से ग्राहकी कम रही
आम दिनों में शहर के गांधी चौक स्थित मुख्य बाजार में कपड़ा, बर्तन, फुटवेयर और ज्वेलरी खरीदने के लिए अधिक मात्रा में ग्राहक पहुंचते हैं। पर लॉकडाउन लागू होने के बाद बुधवार को खुली दुकानों की जानकारी लोगों तक न पहुंच पाने के कारण आम दिनों की अपेक्षा आधे से भी कम ग्राहक खरीददारी करने पहुंचे। वहीं लॉकडाउन के दौरान कौन सी दुकानें खुलेंगी और कौन सी बंद रहेंगी इस बात की आम लोगों को जानकारी न होने के कारण कॉलोनी के लोगों ने हाथ ठेले पर दुकान सजाकर पहुंचे दुकानदारों से खरीददारी की। रेडीमेड कपड़ा व्यापारी अनिल गुप्ता ने बताया कि बुधवार को दुकान पर पहुंचे कुछ ग्राहकों ने नए फैशन के कपड़ों की मांग की, पर पिछले डेढ़ माह से व्यापार बंद होने के कारण उनकी डिमांड पूरी नहीं हो सकी। गुप्ता ने बताया कि बहुत दिनों बाद बाजार खुलने के कारण ग्राहकी कम रही, पर आने वाले दिनों में धीरे-धीरे बाजार रुटीन में आ जाएगा।
मुम्बई से जारी होते हैं सोने और चांदी के रेट
सराफा व्यापारी संजय अग्रवाल ने बताया कि देश के बड़े-बड़े शहरों में कोरोना संक्रमण के कारण व्यापार बंद है। शहर का पूरा सराफा व्यापार इन बड़े शहरों से आए रेट पर निर्भर करता है। जिले भर में सोने और चांदी के रेट मुंबई का सराफा बाजार तय करता है, उसी रेट के आधार पर सराफा बाजार के प्रमुख 40 व्यापारी अपना व्यापार करते हैं। कोरोना संक्रमण के कारण मुम्बई का बाजार काफी दिनों से बंद हैं, इसलिए यहां के व्यापारियों के पास सोने और चांदी के वर्तमान रेट उपलब्ध नहीं हैं।
प्रतिष्ठान खोले- पर बिक्री नहीं की
व्यापारी प्रभात अग्रवाल ने बताया कि शहर का प्रत्येक सराफा व्यापारी पूरे दिन आभूषणों की बिक्री करने के बाद शाम को उसका हिसाब लगाता है। इसके बाद बिक्री किए गए आभूषणों की तौल के हिसाब से सोना और चांदी शहर के सर्राफ बाजार से खरीद लेता है, ताकि व्यापारी को उसी रेट पर सोना-चांदी मिल सके। मार्च माह में लॉकडान शुरू होने के दौरान सोना प्रति 10 ग्राम 42 हजार और एक किलो ग्राम चांदी का रेट 41 हजार चल रहा था। 44 दिनों तक चले लॉकडाउन के कारण मुम्बई का सराफा बाजार बंद चल रहा है, इसलिए शहर के व्यापारियों के पास रेट नहीं हैं। इस कारण बुधवार को शहर के व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान तो खोले पर ग्राहक आने के बाद भी आभूषणों की बिक्री नहीं की।
जानकारी ने होने पर कई प्रतिष्ठान रहे बंद
जिला प्रशासन ने एक रणनीति के तहत बाजार को एक दिन के अंतराल से दो हिस्सों में खोलने का निर्णय लिया है। जारी आदेश की जानकारी न होने के कारण बस स्टैंड के पास स्थित कुछ ऑटो पार्ट और बाइक मैकेनिक बुधवार की सुबह अपने प्रतिष्ठान खोलने पहुंच गए। कुछ समय बाद जब उन्हें प्रशासन के आदेश की जानकारी लगी तो वे अपनी दुकानें बंद कर घर चले गए। वहीं कई इलेक्ट्रॉनिक शोरूम संचालकों को प्रतिष्ठान खोलने के आदेश की सही जानकारी न होने के कारण बंद रहे।कुछ ने हिम्मत जुटाते हुए अपने शोरूम की सिर्फ आधी शटर ही खोली।
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