Saturday, May 9, 2020

विशेष ट्रेन से रतलाम पहुंचे 900 से ज्यादा मजदूर, 40 बसों से शहर लेकर आए, जांच के बाद घर भेजा

राजकोट से विशेष ट्रेन के जरिए गुजरात में फंसे जिले के 900 से ज्यादा मजदूर मजदूर शुक्रवार को रतलाम पहुंचे। इन सभी को वहां से बस के द्वारा जिले में लाया गया। जलसा गार्डन में स्वास्थ्य परीक्षण किया। भोजन के पैकेट दिए। कलेक्टर अमित तोमर ने बताया प्रत्येक मजदूर की व्यक्तिगत जानकारी नोट कर उन्हें उनके घरों तक बस से पहुंचाया गया। मजदूरों की जानकारी गांव के सरपंच व सचिव से सांझा की जाएगी, ताकि वे 14 दिन तक होम क्वारंटाइन में रहना सुनिश्चित करवा सके।
6 माह पहले रोजगार के लिए गए थे गुजरात
पांचपुला दक्षिण निवासी इकराम सरदार 6 माह पहले मजदूरी करने गुजरात के चरखड़ी गए थे। उनके साथ पत्नी कोमाबाई भी थी। इकराम ने बताया वह अपने 6 बच्चों को गांव में ही रिश्तेदारों के यहां छोड़ गया था। गांव के ही गुलसिंह, पत्नी फरकीबाई व दो बच्चों के साथ लौटा। गुलसिंह ने बताया डेढ़ माह से वह गोहद में फंसा हुआ था। इसी तरह सुस्तीखेड़ा निवासी दिलीप बरडे, पत्नी रमबाई व मां चेतरीबाई के साथ मजदूरी करने गुजरात के नेताखंबा गए थे। साथ में उनका छोटा बेटा भी था।

निजी वाहन से पहुंचे कई मजदूर, घर जाने की खुशी में भूले सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

घर लौटने की खुशी में मजदूर सोशल डिस्टेंस का पालन करना भूल गए। वहीं कर्मचारी भी इसका पालन सख्ती से नहीं करा सके। हालांकि वे बार-बार मजदूरों को दूरी बनाने के निर्देश दे रहे थे। शुक्रवार को गुजरात से सैकड़ों मजदूर जीप, लोडिंग वाहन व बसों से पैरामाउंट स्कूल पहुंचे। इन सभी के चेहरे पर बेबसी दिख रही थी। लोडिंग वाहनों में सामान के साथ मजदूर घिरे नजर आए। वहीं जीप में क्षमता से अधिक लोग बैठे थे। इसके चलते वाहनों में भी सोशल डिस्टेंसिंग गायब हो गई।
मजदूरों को अब घर लौटने की खुशी के साथ गांव में रोजगार मिलने की चिंता सता रही है। लॉकडाउन के कारण ये सभी डेढ़ माह से गुजरात में फंसे हुए थे। काम बंद होने के बाद से आर्थिक संकट से जूझ रहे मजदूर वाहनों से घर लौटे है, ताकि गांव में खेती व रोजगार हासिल कर आजीविका चला सके। स्कूल में हाथ धुलवाने के साथ सभी की जानकारी दर्ज कर स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इस दौरान भीड़ लगी रही। इस कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ। हालांकि यहां मौजूद कर्मचारी व स्वास्थ्य विभाग की टीम बार-बार उन्हें दूरी बनाने के निर्देश दे रही थी, जो घर लौटने की खुशी पर भारी पड़ा।
मोरबी, केसूद से लौटे 5 सौ से अधिक मजदूर
जानकारी अनुसार सुबह से मजदूरों का आना शुरू हो गया था। गुजरात के मोरबी, केसूद, अमराली सहित अन्य जिलों से दोपहर तक 500 से ज्यादा मजदूर लौटे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सर्दी-जुकाम व बुखार की जानकारी लेने के साथ इनका स्वास्थ्य परीक्षण किया। इसके बाद उन्हें भोजन व नाश्ता देकर बसों से घर भेजा गया। लेकिन अधिक संख्या में आने के कारण सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हुआ।

मेघनगर से आज आएंगे 987 मजदूर, 32 बस भेजी
शनिवार 987 मजदूर ट्रेन से मेघनगर पहुंचेंगे। इन्हें लाने के लिए 32 बस मेघनगर भेजी हैं। शनिवार सुबह 6 बजे ट्रेन मेघनगर आएगी। जिले से 32 बसों को उनके प्रभारी अधिकारियों व नोडल अधिकारियो के साथ सूखा नाश्ता देकर रवाना किया गया। नोडल अधिकारी मजदूरों का ट्रेन से उतरने के साथ स्वास्थ्य परीक्षण करवाएंगे। जिला मुख्यालय आने पर फिर से उनका स्वास्थ्य परीक्षण कर भोजन करवाकर बस से घर भेजा जाएगा।



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More than 900 laborers reached Ratlam by special train, brought to the city in 40 buses, sent home after investigation


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