Thursday, October 10, 2019

तीन माह से खुला पड़ा था चैंबर, एक-दूसरे पर टाल रहे थे जिम्मेदारी, इसमें बाइक सवार गिरा, तब कहीं जागे

भोपाल .अफसर सड़कमुक्त रास्ताें से किस कदर अांखें मूंदें हुए हैं, इसका सबसे सटीक उदाहरण बुधवार काे देखने काे मिला। भाेपाल में सेंट्रल लाइब्रेरी के पीछे स्थित डाॅक्टर्स क्वार्टर के पास माेड़ पर तीन माह से खुले पड़े चैंबर में एक बाइक सवार गिरकर घायल हाे गया। बाद में उसे घंटेभर की मशक्कत के बाद जेसीबी से निकाला गया। जुलूस निकलने के कारण बाइक सवार सड़क किनारे से निकल रहा था। तभी बाइक स्लिप हुई अाैर वह चैंबर में बाइक समेत गिर गया। रहवासियाें द्वारा चैंबर के खुले हाेने की शिकायत करने के बावजूद पीडब्ल्यूडी अाैर नगर िनगम के जिम्मेदार अफसर तीन माह तक टालमटाेली करते रहे। नतीजा बाइक सवार ने भुगता।


तो एक लाख तक जुर्माना : यदि कोई सड़क मानकों के अनुसार नहीं बनी है और उसकी वजह से किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है या उसे नि:शक्तता आ जाती है, तो संबंधित अधिकारी, कांट्रेक्टर या उस रोड बनवाने वाले कंसल्टेंट एक लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट की धारा-198 में जुर्माने का यह प्रावधान है।

घटना के बाद ढंका : सड़क पीडब्ल्यूडी ने बनवाई, लेकिन बारिश में इसके नीचे बने चैंबर की सफाई नगर निगम के स्वास्थ्य अमले ने कराई, लेकिन उसे बंद नहीं किया। साथ ही निगम की जेसीबी ने इसे क्षतिग्रस्त भी कर दिया। बाइक सवार के गिरने के बाद दाेनाें सक्रिय हुए अाैर निगम ने कांट्रेक्टर काे बुलाकर चैंबर की नपती कराई। पीडब्ल्यूडी के अमले ने दिन में निरीक्षण किया अाैर शाम काे चैंबर पर लाेहे का ढक्कन लगा दिया।

जिम्मेदारों के तर्क

####

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
chamber had been open for three months, avoiding responsibility on each other, the bike rider fell in it, then awake som


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/35m1AmM

No comments:

Post a Comment

Kusal Perera ruled out of India series due to injury: Report

from The Indian Express https://ift.tt/3rf5BoA