सागर.डाॅ. हरीसिंह गाैर विश्वविद्यालय में 2 मार्च काे विवाह के गारी गीत गाए जाएंगे। शहनाई गूंजेंगी ताे बारात भी निकलेगी। बुंदेली परंपरा के अनुसार कच्ची पंगत भी हाेगी, जिसमें नागालैंड के विद्यार्थी और वहां के शिक्षक ज्योनार करेंगे।
बुंदेली वेशभूषा धाेती, कुर्ता, पगड़ी में सागर विवि के विद्यार्थी मेजबान की भूमिका में उन्हें कड़ी, बरा, मंगाेड़ी आदि पकवान पराेसेंगे। यह सबकुछ यहां पर 1 से 6 मार्च तक एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत चलने वाले स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत हाेगा।
दरअसल, इस प्रोग्राम के तहत एक साल पहले सागर विवि के विद्यार्थी नागालैंड गए थे, अब वहां का 50 सदस्यीय दल सागर विवि में आरहा है। इस आयोजन का उद्देश्य है कि देश के विभिन्न राज्यों के विद्यार्थी एक-दूसरे की संस्कृति, वहां की विशेषताएं, खूबसूरती, भोगोलिक स्थिति आदि काे प्रत्यक्ष रूप से और बारीकी से समझ सकें।
अंतिम दिनप्रस्तुति भी देंगे
इस दाैरान यहां पर पूरे 6 दिनाें तक राेजाना बुंदेली लोकनृत्य और लोकगीतों पर आधारित कार्यशाला लगेगी। जिसमें नागालैंड के विद्यार्थी न सिर्फ इन लोकनृत्यों और लोकगीतों काे समझेंगे बल्कि अंतिम दिन वे इनकी प्रस्तुति भी देंगे। ताकि यह साबित हाे सके कि उन्होंने यहां पर सबकुछ अच्छे से सीखा और आत्मसात किया।
पारंपरिक खेल भी सीखेंगे : सागर विवि के विद्यार्थी भी नागालैंड के विद्यार्थियों से वहां की संस्कृति आदि के बारे में सीखेंगे। पारंपरिक खेलाें के तहत वे गिल्ली डंडा, पिट्ठू जैसे बुंदेलखंड के प्रसिद्ध खेल भी सीखेंगे और खेलेंगे। शुक्रवार काे विवि के गेस्ट हाउस में पत्रकारवार्ता में डीएसडब्ल्यू प्राे. एडी शर्मा ने बताया कि विवि की सांस्कृतिक परिषद के तत्वावधान में यह आयोजन हाेगा। परिषद के समन्वयक डाॅ. राकेश साेनी ने बताया कि 1 मार्च काे इसका उद्घाटन कुलपति प्राे. आरपी तिवारी करेंगे। 2 मार्च काे एक भव्य शोभायात्रा भी निकाली जाएगी।
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