भोपाल .कांग्रेस के 22 पूर्व विधायकों के भाजपा में शामिल होने से इन सीटों पर कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा चरमरा गया है। इन सीटों पर नए सिरे से संगठन को तैयार करने के कांग्रेस आलाकमान ने राज्य इकाई को निर्देश दिए हैं। पार्टी चाहती है कि 24 विधानसभा के होने वाले उपचुनाव में कम से कम 20 सीटों पर जीत दर्ज हो, जिससे दोबारा सत्ता की चाबी उसके हाथ आ सके। इधर, विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा द्वारा भी चुनाव आयोग को रिक्त सीटों की जानकारी भेजी जा चुकी है, जिन पर आयोग विचार कर उप चुनावों की तारीख तय करेगा।
दरअसल, कांग्रेस के कद्दावर नेताओं के भाजपा में शामिल होने से उन क्षेत्रों में भाजपा इकाई के नेताओं में भी हड़कंप मच गया है। क्योंकि उन सीटों से कांग्रेस से भाजपा में गए नेता चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में कई सीटों पर भाजपा नेता कांग्रेस में आने के लिए एड़ी चोटी का दम लगा रहे हैं। हालांकि खुलकर कोई भी इस बारे में बोलने को तैयार नहीं है। वहीं, कांग्रेस उप चुनाव में बाहरी आयातित को लाकर चुनाव लड़ाने के मूड में नहीं है। पार्टी की रणनीति स्थानीय स्तर पर ही जो पार्टी के कार्यकर्ता हैं, उन्हीं में से पार्टी की स्क्रीनिंग में उपयुक्त को टिकट देने की है। प्रदेश कांग्रेस संगठन के महामंत्री चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि उप चुनाव कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए लड़ेगी। इसलिए सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। विस बार फोन पर नेताओं से फीडबैक लिया जा रहा है।
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