Wednesday, April 1, 2020

क्वारेंटाइन के लिए हमारे पास 700 मैरिज गार्डन, होटल, लॉज, फॉर्म हाउस; अभी 10% का ही उपयोग

क्वारेंटाइन और तीन कंटेनमेंट एरिया से चार रिपोर्ट

ग्राउंड रिपाेर्ट - 1-क्वारेंटाइन एरिया से-मैं विश्वनाथ सिंह। खतरों के बीच अपना पत्रकारिता धर्म निभा रहा हूं। क्योंकि मेरे परिवार के साथ भास्कर के लाखों पाठकों को भी आज मेरी सबसे ज्यादा जरूरत है।

शहर के जिन क्षेत्रों से पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं, प्रशासन वहां आस-पड़ोस में रहने वाले लोगों को क्वारेंटाइन कर रहा है, ताकि बीमारी और ज्यादा न फैले। इसके लिए प्रशासन ने फिलहाल 15 मैरिज गार्डन और होटल लिए हैं, जिनमें 1600 से ज्यादा बेड हैं। अब तक 625 से ज्यादा लोगों को क्वारेंटाइन किया जा चुका है। क्वारेंटाइन के लिए प्रशासन के पास 700 से ज्यादा मैरिज गार्डन, होटल, धर्मशालाएं और फॉर्म हाउस का विकल्प भी खुला है। जरूरत पड़ी तो इनका भी इस्तेमाल किया जा सकता है। फिलहाल 10% का ही उपयोग किया जा रहा है। इंदौर होटल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमित सूरी के मुताबिक शहर में 300 से ज्यादा छोटे-बड़े होटल, 250 से ज्यादा मैरिज गार्डन, 100 से ज्यादा धर्मशालाएं और 50 से ज्यादा फॉर्म हाउस मौजूद हैं।


625 लोगों को यहां किया क्वारेंटाइन
मृदंग में 40, होटल प्रेसीडेंट में 110, मथुरा महल में 20, गोकुल में 8, अक्षत में 40, दस्तूर में 40, टीसीएल में 155, असरावदखुर्द में 52, ताराकुंज में 50, उत्सव रिसॉर्ट में 40 और स्वस्तिक रिसॉर्ट में 70 सहित कुछ अन्य स्थानों पर क्वारेंटाइन किया गया है।


फिलहाल ये 15 होटल-गार्डन लिए हैं
किंग्स पार्क गार्डन (12 बेड), मथुरा महल गार्डन (20 बेड), गोकुल गार्डन (8), दस्तूर गार्डन (48), अक्षत गार्डन (48), ताराकुंज (56), टीसीएल (250), मृदंग गार्डन (40), प्रेसीडेंट पार्क (130), उत्सव रिसॉर्ट (50), स्वस्तिक रिसॉर्ट (80), इंदौर इंस्टीट्यूट ऑफ लाॅ (40), छात्रावास बख्तावरराम नगर (50), ला ओमनी (60), इंदौर श्रीपाल धनगर धर्मशाला जिंसी (40)


भास्कर नॉलेज : क्वारेंटाइन में हो रही है सैंपल जांच, 24 घंटे डॉक्टर मौजूद
क्वारेंटाइन में लोगों को कैसे रखा जा रहा है। डॉक्टरों की निगरानी में हैं या अकेले हैं?
एक कमरे में दो बेड लगे हैं। लोगों को पूरी तरह से डॉक्टर और नर्स की निगरानी में रख रहे हैं।
क्वारेंटाइन पीरियड में भोजन की क्या गाइड लाइन है। भोजन का इंतजाम कौन कर रहा है?
डॉक्टरों के मुताबिक दोनों समय का खाना व दवाई दी जा रही है। सारा इंतजाम जिला प्रशासन कर रहा है।
मौजूदा क्वारेंटाइन हाउस फुल हो गए तो प्रशासन के पास क्या विकल्प है?
अभी शहर के 90 फीसदी होटल, गार्डन, धर्मशालाएं और फॉर्म का भी विकल्प है।
क्वारेंटाइन एरिया में कोई भी जा सकता है?
स्वस्थ लोगों के जाने की पूरी तरह मनाही है। सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस और डॉक्टर मास्क, ग्लव्स, हेड कवर और बॉडी कवर के साथ ही जा सकते हैं।
क्वारेंटाइन में सभी की सैंपल जांच हो रही है?
क्वारेंटाइन किए गए सभी लोगों की सैंपल जांच होगी। पॉजिटिव आए तो अस्पताल में भर्ती होंगे। रिपोर्ट नेगेटिव आई तो 14 दिन का क्वारेंटाइन पीरियड पूरा कर घर जा सकेंगे।

ग्राउंड रिपाेर्ट -2-खजराना से-मैं सुमित ठक्कर। खतरों के बीच पत्रकारिता धर्म निभा रहा हूं। क्योंकि मेरे परिवार के साथ भास्कर के लाखों पाठकों को भी आज मेरी सबसे ज्यादा जरूरत है।

कोरोना से बचाव को लेकर खजराना क्षेत्र की तीन कॉलोनियों से करीब 105 लोगों को सोमवार को क्वारेंटाइन के लिए भेजा गया। इसका खौफ मंगलवार को नजर आया। लोग समझ गए कि घरों से निकलना घातक है। इसलिए वे घरों में ही रहे। पुलिस को भी ज्यादा सख्ती नहीं करना पड़ी। लोग ओटलों पर भी नहीं दिखाई दिए। जमजम चौराहा और साईं धाम काॅलोनी की गलियाें में सिर्फ सन्नाटा रहा। लोग घरों की बालकनी में भी नहीं दिखे। खिड़की से झांकते हुए 55 वर्षीय मो. सलीम ने बताया कि दो घर छोड़कर उनके भाई और भतीजे का परिवार रहता है। घर में शकर नहीं है, लेकिन वहां से यह तक नहीं ले रहे हैं। प्रशासन की सख्ती हमारे लिए ही है। हमारा परिवार इसका पालन कर रहा है। अफसाना बी ने बताया कि हमने बच्चों को भी घरों में बंद कर लिया है। आस-पड़ोसी निकल रहे हैं, लेकिन हम उनसे भी बात नहीं कर रहे हैं।

रानीपुरा में डर ऐसा कि लाेग दूध लेने भी बाहर नहीं निकल रहे
रानीपुरा के 54 लाेगाें काे साेमवार रात क्वारेंटाइन के लिए भेजा ताे लाेग दहशत में अा गए। हालत ये है कि मंगलवार को लोग दूध लेने भी घरों से नहीं निकले। रहवासियों ने मंगलवार को घरों के खिड़की-दरवाजे तक नहीं खोले। सब्जी तो दूर, दूध भी लेने बाहर नहीं आए। यहां रहने वाले आरिफ मंसूरी ने बताया कि कुछ लोगों की गलती के कारण पूरा इलाका तकलीफ झेल रहा है। साेमवार काे प्रशासन ने पूरे इलाके को टैपिंग कर सील कर दिया। हालांकि इलाके में संक्रमण के पॉजिटिव रिजल्ट आने के कारण हम खौफजदा हैं। प्रशासन को पूरी तरह सहयोग करेंगे।

ग्राउंड रिपाेर्ट -3-खातीवाला टैंक से-मैं दीपेश शर्मा। खतरों के बीच पत्रकारिता धर्म निभा रहा हूं। क्योंकि मेरे परिवार के साथ भास्कर के लाखों पाठकों को भी आज मेरी सबसे ज्यादा जरूरत है।

रिजर्व बैंक ने गाइडलाइन जारी की है कि लोग कोरोना संक्रमण से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा ऑनलाइन पेमेंट करें। इसका पालन इंदौर के ज्यादातर मेडिकल स्टोर वाले नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही दवा की कीमत भी ज्यादा वसूली जा रही है। मैं सुबह नौ बजे खातीवाला टैंक कंटेनमेंट एरिया में राज मेडिकल स्टोर पर पहुंचा। यह स्टोर दो दिन बाद खुला था। लिहाजा भीड़ थी। दुकानदार ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया और काउंटर पर एक समय में एक व्यक्ति के खड़े रहने की व्यवस्था की। लोगों ने भी लाइन में एक से डेढ़ मीटर की दूर रखी। दुकानदार सभी लोगों से नकद रुपए ले रहे थे। मेरे आगे खड़े युवक का बिल 700 रुपए का बना। उसने कहा कि दो दिन पहले यह दवा 180 रुपए की ली थी। अब आप 218 रुपए बता रहे हो। दुकानदार ने कहा कि रेट बढ़ गए हैं। इसके बाद एक बुजुर्ग का नंबर आया तो दुकानदार ने दूसरी कंपनी की दवा दी। बुजुर्ग ने पूछा कि दवा सही नहीं निकली तो वापस कर दूंगा। दुकानदार ने उसे चलता किया। इसके बाद मेरा नंबर आया तो मैंने मच्छर मारने का स्प्रे लिया। दुकानदार से पूछा कि पेटीएम या कार्ड से पेमेंट कर दूं। दुकानदार ने कहा कि नकद की व्यवस्था है। स्नेह नगर और सपना-संगीता के पास के मेडिकल स्टोर पर भी नकद की ही व्यवस्था थी। दुकानदार न कार्ड ले रहे थे और न पेटीएम। वहीं सुबह दूध को लेकर भीड़ भी नहीं दिखी। खातीवाला टैंक, वीर सावरकर नगर, स्नेह नगर, अग्रवाल नगर, सपना-संगीता मेन रोड, बैराठी कॉलोनी सहित आसपास के इलाकों में सुबह दूध वाले घर-घर डिलीवरी करते रहे। जिन लोगों ने बंदी नहीं लगाई थी, उन्होंने भी पड़ोसियों से दूध वालों के नंबर लेकर दूध बुलवाया। डेयरी वाले बाहर से ही टंकियां रखकर दूध दे रहे थे।

चंदन नगर में दो मौताें का खौफ 10 किमी तक, लोगों ने बंद किए रास्ते​​​​​​​

ग्राउंड रिपाेर्ट -4-चंदन नगर से-मैं राघवेंद्र बाबा। खतरों के बीच पत्रकारिता धर्म निभा रहा हूं। क्योंकि मेरे परिवार के साथ भास्कर के लाखों पाठकों को भी आज मेरी सबसे ज्यादा जरूरत है।

चंदन नगर के एफ सेक्टर और धार रोड स्थित राजकुमार बांक में दो लोगों की मौत के बाद क्षेत्र में सन्नाटा है। मौत की दहशत 10 किलोमीटर तक है। शुरू में लोग कोरोना को हलके में ले रहे थे, तब हजारों लोगों की आवाजाही हो रही थी। अब लोगों ने एहतियात बरतना शुरू कर दी है। मंगलवार को मैं यहां पहुंचा तो गंगा नगर, रामानंद नगर, राज नगर, दामोदर नगर, नंदन नगर, नगीन नगर, चंदन नगर, गुमाश्ता नगर और सिरपुर सहित कई इलाकों में गलियां बंद मिलीं। किसी ने कनात लगाकर रास्ता राेक दिया ताे किसी ने रस्सी बांधकर। किसी ने गली के गेट पर गाड़ियां अड़ा दीं तो किसी ने साड़ियां बांधकर आड़ कर दी। लोगों का कहना है कि अब तक जो हुआ सो हुआ, लेकिन अब लापरवाही नहीं हाेगी। क्षेत्र के किशन प्रजापत, रवि वर्मा, रविंद्र सिंह ठाकुर और महेश देवड़ा का कहना है कि सरकार ने काेराेना काे लेकर एहतियात बरतने की अपील की थी। इसके बाद भी लोग शादी-पार्टियों में गए। जिन्होंने सावधानियां नहीं बरती, उनकी सजा हम क्यों भुगतें? हमने गलियां बंद कर दी हैं। सुबह कचरा गाड़ी और दूध वाहन के लिए ही गलियां खोली जाती हैं। कोई भी सड़कों पर नहीं जाना चाहता। चंदन नगर पुलिस के अनुसार, बांक में जिस युवक की माैत हुई, उसके परिजनाें को पहले ही आइसोलेट कर दिया था। युवक की मौत हुई तो सभी ने मना कर दिया कि शव घर नहीं लाएंगे। सोमवार शाम विशेष वाहन से उसका शव सीधे कब्रिस्तान ले जाया गया, जहां उसके दो दोस्त और चंद रिश्तेदार मौजूद थे। उन्होंने ही मृतक को अंतिम विदाई दी। उधर,चंदन नगर एफ सेक्टर की महिला का शव मंगलवार दोपहर में महू नाका स्थित कब्रिस्तान ले जाया गया। इस महिला के कई परिजन पहले ही आइसोलेटेड किए जा चुके हैं। महिला काे विदाई देने के लिए गिनती के लोग ही पहुंचे।




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खजराना को कंटेनमेंट एरिया घोषित करने के बाद यहां पुलिस ने सख्ती और बढ़ा दी है। लोगों को बिलकुल बाहर नहीं आने दिया जा रहा है।


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