जिले में गेहूं की खरीदी 23 से 26 मई के बीच बंद हो गई थी। तब से 26 हजार मैट्रिक टन से ज्यादा गेहूं खरीदी केंद्रों पर खेत खलिहानों में पड़ा है और बार-बार बारिश में भीग रहा है। लेकिन अभी तक तुले हुए गेहूं को गोदामों में नहीं रखवाया। खास बात यह है कि केंद्रों से गेहूं उठाने के लिए इस बार दो एजेंसियों को नियुक्त किया गया था। इसके बाद भी पूरा गेहूं नहीं उठ सका है। केंद्रों पर पूरे दिन मवेशियों से गेहूं को बचाने रखवाली कर रहे हैं। लेकिन बारिश से रखवाली नहीं हो पा रही है। बारिश में भीगा यह गेहूं गोदाम में पहुंचने के बाद वहां अच्छे गेहूं को भी खराब कर देगा। लेकिन न तो जिला प्रशासन को अन्न की चिंता है और न ही नान को।
इस साल गेहूं की खरीदी काफी अव्यवस्थाओं के बीच हुई। जिले में 76 गेहूं खरीदी केंद्रों पर 27500 किसानों को गेहूं बेचना था। खरीदी 31 मई तक होना थी। खुद सीएम शिवराज सिंह भी किसानों से बार-बार यही अपील करते सुने गए कि किसान भाई चिंता न करें, उनका एक-एक दाना खरीदेंगे और खरीदी 31 मई तक होगी। लेकिन जिले में खरीदी केंद्र 23 मई से बंद होने लगे और 26 मई को सभी केंद्रों पर ताले डल गए। जो किसान केंद्र पर आए और गेहूं केंद्र पर डाल दिया। उनका गेहूं तुलवाने के लिए खाद्य विभाग ने शासन से अनुमति ली और 60 किसानों के केंद्र पर डले गेहूं को ही तौलने की अनुमति मिली। केंद्र बंद होने से किसानों का केंद्रों पर पहुंचना बंद हो गया। जिससे 26 मई तक 19 हजार 576 किसान ही 1 लाख 76 हजार 853 मैट्रिक टन गेहूं बेच सके।
खरीदी का 60 प्रतिशत टारगेट ही हुआ पूरा, जल्दी बंद की खरीद
शासन द्वारा 32 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खरीदी करने के आदेश दिए थे। जिले में 95 हजार हेक्टेयर रकबे में बोई गई फसल की खरीदी केंद्रों पर तुलाई होना थी। इस हिसाब से लगभग 32 लाख क्विंटल गेहूं की खरीद होती। पिछले साल 18 लाख क्विंटल गेहूं की खरीद हुई थी। इस साल 26 मई तक लगभग 18 लाख क्विंटल ही गेहूं खरीदा गया। अगर शासन द्वारा दिए गए आदेश के तहत 95 हजार हेक्टेयर की 32 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खरीद होती तो खरीदी का आंकड़ा 30 लाख क्विंटल के ऊपर निकल जाता। लेकिन खरीदी जल्द बंद कर दी गई और 60 प्रतिशत ही फसल की खरीदी हुई।
एफसीआई ने पहले से खाली नहीं किए गोदाम इसलिए बनी समस्या
उपार्जन केंद्रों पर खरीदी शुरू होने से पहले एफसीआई ने गोदामों को खाली नहीं कराया। यही कारण रहा कि गोदाम खाली न होने से समय पर केंद्रों से गेहूं नहीं उठ सका। एफसीआई की रैक अभी भी लग रही हैं और जितनी रैक लग जाती हैं उतना गेहूं गोदामों में पहुंचता है। नागरिक आपूर्ति अधिकारी मधुर खर्द का कहना है कि एफसीआई के गोदाम खाली होते तो यह समस्या नहीं आती। लेकिन ग्वालियर में जगह मिल जाने से चार-पांच दिन में पूरा उठाव हो जाएगा।
11924 किसान उपज नहीं बेच सके
केंद्र बंद होने से जब किसानों कंेद्र पर आना बंद कर दिया जिससे 19 हजार 576 किसान ही उपज बेच सके। शेष 11 हजार 924 किसान इस साल खरीदी केंद्रों पर अपनी उपज नहीं बेच सके। जिम्मेदारों का कहना है कि इन किसानों के पास मैसेज पहुंचे लेकिन वे फसल बेचने नहीं आए।
60 किसानों की स्वीकृति शासन से मिली है उनका माल तुलवा रहे
भूपेंद्र सिंंह परिहार, डीएसओ, दतिया ने बताया कि खरीदी अभी चालू है। सभी किसानों के पास मैसेज पहुंच चुके हैं और उनका आना बंद हो गया है। 60 किसानों की स्वीकृति शासन से मिली है उनका माल तुलवाया जा रहा है।
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