कॉलेज की पुरानी लाइब्रेरी का कॉलेज का हैंडओवर करना मजाक बनकर रह गया है। क्योंकि बीकेएसएन कॉलेज की पुरानी लाइब्रेरी के लाइब्रेरियन 2017 में अनिल माथुर जब से कालापीपल स्थानांतरित हुए हैं, तब से ही बंद पड़ी थी और इसका चार्ज लेने को कोई मुख्य लाइब्रेरी नहीं था। हालांकि जब मुख्य लाइब्रेरी नहव आलम अंसारी आए तब अनिल माथुर हर साल 10 दिन के लिए लाइब्रेरी में आकर लौट जाते हैं। अभी तक 50 हजार किताबों में से केवल 8 हजार किताबों का ही लेखा-जोखा पूरा हो सका है। शेष 42 हजार किताबें की सफाई और लेखा-जोखा पूरा करना है। इस बार भी 22 मई से काम शुरू किया गया, जो कि 31 मई तक चलेगा। अब देखना यह है कि माथुर इस बार काम पूरा कर पाते हैं या नहीं, क्योंकि पिछली बार फरवरी में 16 से 25 तारीख तक कार्य किया गया था। इसमें 10 दिन में 6700 किताबों का ही लेखा-जोखा पूरा हो पाया था।
माथुर के हाथों से हैंडओवर होना मुश्किल लगता है
बीकेएसएन कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य द्वारा कालापीपल महाविद्यालय के प्राचार्य से लाइब्रेरियन अनिल माथुर का समय मांगा जाता है तो वे यह कारण बता देते हैं किहमारे कॉलेज में भी काफीकार्य है। इस तरह इस कॉलेज की लाइब्रेरी का जिसमें 50 हजार से ज्यादा किताबें हैं, उसका हैंडओवर माथुर के हाथों से होना मुश्किल लगता है। दरअसल ढाई साल बाद वे रिटायर हो जाएंगे।
यदि लॉकडाउन बढ़ा तो माथुर का समय और मांगेंगे
बीकेएसएन कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. विनोद कुमार शर्मा काकहना है कि कालापीपल कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य ओमप्रकाशशर्मा से अनिल माथुर का बढ़ाने की मांग करेंगे क्योंकि अभीलॉकडाउन चल रहा है, जिससे लीड कॉलेज की पुरानी लाइब्रेरी नई लाइब्रेरी में शिफ्टहो सकती है।
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