कस्बे में पिछले चार दिन से सब्जी और फल विक्रेता अपने ठेले नहीं लगा रहें हैं। क्योंकि इनके पास दुकानें लगाने जगह ही नहीं बची। विक्रेताओं ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जगह उपलब्ध नहीं कराई गई, तो वे आने वाले समय में अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इधर, सब्जी और फल के ठेले न लगने के कारण रहवासियों को सब्जी खरीदने इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।
मालूम हो, कि 22 मार्च से जिले के साथ-साथ कस्बे में भी लॉकडाउन किया गया था। इसके बाद बाजार में लगने वाले सभी सब्जी और फल के ठेला वालों को कृषि उपज मंडी में पहुंचने के लिए कहा गया। यह सभी ठेले इसके बाद से यहीं पर लगने लगे। पिछले कुछ दिन से मंडी में खरीदी शुरू हो गई, तो ट्रैक्टर वालों की भीड़ हुई। इससे ठेला वालों को परेशानी होने लगी। मंडी प्रबंधन ने इन सभी ठेला वालों को यहां से बाहर का रास्ता दिखा दिया। ऐसे में यह बाजार में पहुंच रहे हैं, तो वहां स्थानीय दुकानदार विरोध कर रहे हैं।
सब्जी वालों ने विधायक को लिखा शिकायती पत्र
सब्जी विक्रेताओं ने राघौगढ़ विधायक से भी इस संबंध में शिकायत की है। जिसमें लिखा है कि जामनेर एवं आसपास के फुटकर सब्जी विक्रेता कई दशकों से मैन रोड की फुटपाथ पर दुकानें लगाकर सब्जी बेचने का कार्य कर अपने परिवार का गुजारा करते आ रहे हैं। लेकिन जामनेर के किराना कपड़ों, जनरल स्टोर एवं हार्डवेयर के दुकानदारों ने मेनरोड तक अतिक्रमण कर लिया है। व्यापारी एवं पुलिस की मिलीभगत से हम गरीब फुटकर फल एवं सब्जी विक्रेताओं को वहां से खदेड़ कर गल्ला मंडी में भिजवा दिया गया। वहां गल्ला मंडी समिति ने हमें वहां से भी पुलिस की मदद से खदेड़ दिया गया। हम लगभग 60 सब्जी एवं फल विक्रेता पिछले दो माह से मानसिक एवं आर्थिक परेशानी का सामना कर भटक रहे हैं। लॉक डाउन के दौरान हमारे सामने भोजन की विकराल समस्या उत्पन्न हो गई है। वहीं फल सब्जी बेचने वाली महिलाओं ने भी इस बात की शिकायत कर जगह उपलब्ध कराने की मांग की। इस अवसर शिवनारायण, संतोष सैनी, अशोक सैनी, भोनीराम, मानसिंह केवट, सुरेश, पुरुषोत्तम, मनोज, राजू केवट, अरविदंसैनी, शिवप्रसाद, रामभरोसा सहित अन्य फल सब्जी विक्रेता मौजूद रहे।
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