नामली उपमंडी भी अब स्वतंत्र मंडी होगी। इससे जिले में अब 6 मंडियां हो जाएंगी। मंडी बनने से किसान, व्यापारी, तुलावटी सहित मंडी से जुड़े हर व्यक्ति को फायदा होगा और उनकी कोई समस्या होगी या मांग होगी तो मंडी में ही उसका हल हो जाएगा।
इससे अब यहां के काम के लिए रतलाम के मंडी सचिव पर आश्रित नहीं होना पड़ेगा। वहीं आसपास के 50 गांवों को फायदा होगा और घऱ् के पास ही मंडी की सुविधा मिल सकेगी। इधर मंडी बनने से नामली को भी फायदा होगा और आसपास का कारोबार भी बढ़ेगा। जिले में सैलाना, जावरा, ताल और आलोट में मंडी है।
भाजपा और कांग्रेस में मची श्रेय की होड़
नामली को मंडी बनाने की प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के साथ ही भाजपा और कांग्रेस में श्रेय लेने की होड़ मच गई। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राजेश भरावा ने मंडी पहुंच मिठाई बांटी और कहा कि कांग्रेस के प्रयासों से मंडी बनी है। भरावा ने बताया कि हमने तत्कालीन कृषि मंत्री सचिव यादव से मांग की थी। आदेश जारी होने वाले थे व लॉकडाउन हो गया। वहीं भाजपा के बंशीलाल कुमावत का कहना है कि विधायक दिलीप मकवाना के जरिए यह मांग की थी।
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