कोरोना संकट में जरा सी लापरवाही सभी को भारी पड़ सकती है। भोपाल में 27 मई से लॉकडाउन में ढील शुरू हुई थी। इसका नतीजा ये हुआ कि लोग कोरोना को भुलाकर बाजारों में जुटने लगे। जुमेराती बाजार जैसे कंटेनमेंट से सटे इलाकों में भी आम दिनों की तरह भीड़ उमड़ने लगी। सोशल डिस्टेंसिंग धरी रह गई। इस बेपरवाही का नतीजा ये हुआ कि अनलॉक-1 के तीसरे दिन बुधवार को 58 कोरोना मरीज मिले, जो कि बीते पांच दिन की में मिले नए मरीजों की तुलना में ज्यादा है।
इसे गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने बाजार की व्यवस्था फिर से बदल दी। नए आदेश के मुताबिक 10 या इससे अधिक दुकानों वाले शहर के बाजार अब नंबरिंग के हिसाब से खुलेंगे। एक नंबर वाली दुकान सोमवार-मंगलवार को खुलेगी तो 2 नंबर वाली बुधवार-गुरुवार को तथा 3 नंबर वाली शुकवार-शनिवार को खोली जाएंगी। बाकी दुकानें भी इसी क्रम में खुलेंगी। यानी बीच की दो दुकानें छोड़कर ही दुकानें खोलने की इजाजत रहेगी, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराया जा सके। कलेक्टर तरुण पिथोड़े के अनुसार, जब तक दुकानों पर नंबर डालने का काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक मौजूदा व्यवस्था जारी रहेगी। नंबर अंकित करने का काम नगर निगम करेगा। यह बुधवार रात से ही शुरू हो गया है।
भ्रम की स्थिति बनेगी
-अनुपम अग्रवाल, भोपाल किराना व्यापारी महासंघ के महासचिव के मुताबिक, प्रशासन की नई व्यवस्था से दुकानदार और ग्राहक दोनों को परेशानी होगी। कौन सी दुकान किस दिन खुलेगी यह समझना मुश्किल होगा। नगर निगम नंबर अंकित करने में कितना समय लगाएगा यह भी अनिश्चित है। बार- बार व्यवस्था बदलने से दिक्कत बढ़ेगी।
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