2 माह 10 दिन बार आखिरकार 8 जून को शहर की आस्था के केंद्र अष्टमुखी भगवान पशुपतिनाथ मंदिर को भक्तों के लिए खोला जाएगा। इसके लिए मंदिर प्रबंधन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। मंदिर के निकासी द्वार से ही प्रवेश दिया जाएगा और वहीं से निकासी भी रहेगी। हालांकि गर्भगृह में लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। श्रद्धालु बाहर से दर्शन व पूजा-अर्चना कर पाएंगे। बाहर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए प्रबंधन द्वारा गोले भी बनाए जा रहे हैं। 8 जून को सुबह 5.30 बजे से मंदिर के द्वार खोल दिए जाएंगे।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने दो माह से भी अधिक समय से शहर की आस्था के केंद्र पशुपतिनाथ मंदिर को भक्तों के लिए बंद कर दिया था। हालांकि पुजारी प्रतिदिन मंदिर जाकर भगवान की पूजा-अर्चना कर रहे थे और भोग लगा रहे थे लेकिन भक्तों का प्रवेश बंद था। अब जिला प्रशासन 2 माह 10 दिन बार 8 जून को भक्तों के लिए मंदिर खोलने जा रहा है।
केंद्र व राज्य शासन कि गाइडलाइन के अनुसार यह कदम उठाया जा रहा है। इसके लिए प्रबंधन ने तैयारी शुरू कर दी है। 8 जून को सुबह 5.30 बजे से मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खुल जाएंगे। प्रवेश से पहले हर किसी को बाहर बनी प्याऊ पर हाथ धोने होंगे। हाथ धुलाई की व्यवस्था प्रबंधन द्वारा की जा रही है।
इसके बाद निकासी गेट से ही प्रवेश दिया जाएगा। जहां हर व्यक्ति की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी। संदिग्ध लगने पर व्यक्ति को बाहर रोककर स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाएगा। इसके बाद भक्त अंदर तो जाएगा लेकिन गर्भगृह में प्रवेश नहीं मिलेगा, ना ही भक्त पूरे परिसर में भ्रमण कर सकेगा। गर्भगृह के बाहर से दर्शन की व्यवस्था की गई है।
बाहर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोले बनाने का काम भी शुरू कर दिया है। इसके बाद भी अंदर भीड़ अधिक होने पर बाहर ही लोगों को रोककर धीरे-धीरे प्रवेश देने की व्यवस्था की जाएगी। वहीं सुरक्षा के लिए मदिर परिसर को सैनिटाइज्ड करने की व्यवस्था भी की जाएगी। मामले में एसडीएम अंकिता प्रजापति ने बताया कि शासन की गाइडलाइन के अनुसार 8 जून से पशुपतिनाथ मंदिर में भक्तों को प्रवेश दिया जाएगा। प्रवेश के साथ भक्तों की सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की जाएगी।
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