Friday, June 5, 2020

खुले में रखा सरकारी खरीदी का 2 लाख क्विंटल गेहूं प्लास्टिक बैग में था, इसलिए केवल एक हजार क्विंटल ही आंशिक खराब

समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए बनाए गए शुजालपुर अनुभाग के 45 केंद्रों पर भंडारण और परिवहन के अभाव में खुले आसमान के नीचे पड़े करीब 2 लाख क्विंटल गेहूं को बरसाती से ढकने व प्लास्टिक बैग में रखने से केवल एक हजार क्विंटल ही भीगने से आंशिक खराब हुआ है। जमीन से बह निकले पानी से जूट के बोरों में भरे गेहूं के भीगने से एक हजार क्विंटल माल खराब हुआ है। अब ताबड़तोड़ अतिरिक्त भंडारण और परिवहन की व्यवस्था की जा रही है।


बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात 2 बजे से शुरू हुई तेज बारिश सुबह 10 बजे तक जारी रही। बारिश की वजह से 45 में से 21 खरीदी केंद्रों पर करीब 2 लाख क्विंटल गेहूं जो बाहर रखा हुआ था। हालांकि प्रशासन द्वारा बारिश की पूर्व संभावना को देखते हुए गेहूं की थप्पियों को बरसाती से ढंकने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन जमीन पर बह निकले पानी से नीचे की सतह पर जूट के बोरों में भरा अनाज गीला हो गया। जिला अधिकारी एके हरसोला ने बताया ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। एसडीएम प्रकाश कस्बे ने बताया अनाज के अतिरिक्त भंडारण के लिए निजी स्थलों को अधिग्रहित करने के साथ ही तेजी से परिवहन की व्यवस्था को जुटाया जा रहा है। इससे किसानों से खरीदे गए शासकीय गेहूं को समय पर सुरक्षित रूप से भंडारित किया जा सकेगा। करीब 21 केंद्रों से गेहूं के भीगने की जानकारी आई है। पूरे सीजन में शासन ने 2 लाख 10 हजार मैट्रिक टन गेहूं की खरीदी संभावित होना दर्ज कर खरीदी की तैयारी की थी। उत्पादन अधिक होने तथा आसपास की कृषि उपज मंडी बंद होने से खरीदी केंद्रों पर अतिरिक्त माल आने की वजह से सवा तीन लाख टन गेहूं आया है। इस वजह से समय पर बारदान व परिवहन की व्यवस्था में गेहूं खुले में रखा था और बारिश ने भिगो दिया।


सीमेंट की थप्पियां भीगकर बनी पत्थर - शुजालपुर | रेलवे स्टेशन पर रैक पाइंट पर छोटा शेड व कच्ची जमीन पर जमी सीमेंट की थप्पियां भीगकर पत्थर बन गई। बारिश की वजह से समय पर रैक खाली न होने व माल भीगने से व्यापारियों को एक रात में 50 लाख से ज्यादा का नुकसान हुआ है। व्यापारियों ने सांसद से स्टेशन रैक पाइंट पर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की मांग की है।
अचानक बारिश से हुए नुकसान के बारे में श्री सीमेंट के प्रतिनिधि देवेंद्र शुक्ला ने बताया कि रेक पाइंट से लाखों रुपए का राजस्व देने के बाद भी व्यापारियों को सुरक्षित परिवहन साधन का अभाव है। यहां शेड छोटा होने, बरसाती पानी से बचाव व निकासी के लिए व्यवस्था न होने से कोणार्क सीमेंट का रैक लगने से अनलोड हुई करीब तीन हजार बोरी भीगकर अनुपयोगी हो गई। इसी तरह अन्य व्यापारियों को भी नुकसान हुआ है। अतुल अग्रवाल ने बताया बारिश में नाली खोदकर रात भर पानी निकालने की कोशिश के बावजूद माल को भीगने से नहीं रोक सके।


सलसलाई | बारिश की शुरुआत बुधवार रात से हुई जो गुरुवार दोपहर तक जारी रही। समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों पर खुले में पड़े गेहूं गीले होने से नुकसान हो गया। खरीदी केंद्र पर 500 टन से अधिक खुले में पड़े गेहूं पर बारिश का असर दिखाई दिया। कर्मचारियों ने बरसाती डाल कर अधिकांश गेहूं के बोरों को गीले होने से बचा लिया। तेज हवा में केंद्र पर लगा टेंट भी उड़ गया।

सुबह 2 घंटे हुई बूंदाबांदी, खुले में रखा गेहूं भीगा
आगर मालवा | दो घंटे से अधिक बूंदाबांदी गुरुवार सुबह होती रही व दिनभर बादल छाए रहे। समर्थन मूल्य पर राजेंद्र काटन प्रेस छावनी, कृषि उपज मंडी व निपानिया वेयर हाउस मंे खुले में पड़ा गेहूं भीग गया। इन खरीदी केंद्र पर जाकर देखा तो खाद व जुट के थैलों में गेहूं भरा हुआ था। जहां जूट के थैले रखे थे कर्मचारियों ने उनके ऊपर बरसाती व तिरपाल डाल रखी थी, जबकि खाद की बोरियों में रखा गेहूं ऐसे ही पड़ा था। कुछ कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हल्की बूंदाबांदी में गेहूं की थैलियां गीली हुई है। यदि तेज बारिश होती तो काफी नुकसान हो सकता था।


कालापीपल | कालापीपल सहित क्षेत्र के अन्य उपार्जन केंद्रों पर गेहूं का परिवहन नहीं होने के कारण गेहूं खुले में ही पड़ा था। बुधवार देर रात से शुरू हुई बारिश के कारण गेहूं पानी में भीग गया।
अकोदिया | गत रात शुरू हुई बूंदाबांदी तेज बारिश में बदल गई। गुरुवार दोपहर 2 बजे तक बारिश होती रही। अकोदिया मार्केटिंग सोसायटी के विजया कुमार शर्मा के अनुसार अकोदिया कृषि उपज मंडी में सर्मथन मूल्य पर अब तक 64 हजार 148 क्विंटल गेहूं खरीदा गया है। इसमें से अधिकतर भंडारण के लिए भेजा जा चुका है। बारिश के कारण खुले में रखा लगभग 4 हजार कट्टी गेहूं भीग गया।


कानड़ | किसानों का 2 लाख क्विंटल से अधिक गेहूं उपार्जन केंद्रों पर खरीदा गया जो कृषि उपज मंडी कानड़ में टीन शेड में पड़ा है। टीन शेड के बाहर भी खुले में गेहूं के कट्टे रखे है। यदि समय पर परिवहन नहीं हुअा ताे बारिश में गेहूं खराब हाे सकता है।
बेरछा | बुधवार रात से ही बेरछा तथा आसपास के क्षेत्रों में मौसम बदल गया। देर रात से शुरू हुई बारिश से गेहूं भीग गया। रंथभंवर गेहूं खरीदी केंद्र प्रभारी संतोष सिसोदिया ने बताया मंगलवार शाम 6 बजे तक खरीदी केंद्र पर गेहूं खरीदा गया। वहीं जिला विपणन संघ अधिकारी के नाम पत्र 31 मई को जारी कर 24 हजार बोरे खुले में रखे होने तथा उपार्जित गेहूं का परिवहन का श्रीराजा ट्रांसपोर्ट की लापरवाही और धीमी परिवहन व्यवस्था का उल्लेख वरिष्ठ अधिकारियों को किया गया। ट्रांसपोर्ट एजेंसी की लेटलतीफी की वजह से खुले में रखा 35000 बोरी गेहूं पूरी तरह भीग गया। गेहूं उपार्जन केंद्र बेरछा के विक्रम प्रजापति ने बताया कि स्थानीय केंद्र पर 12 हजार बोरी गेहूं बारिश के पानी में भीग गई। अरूण कुमार हरसोला मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि जिले में भंडारण की व्यवस्था नहीं है, गलती तो परिवहन में हुई है पर खरीदी केंद्रों पर रखे हुए गेहूं की सुरक्षा करना खरीदी केंद्र प्रभारी और ट्रांसपोर्ट परिवहन करने वाले दोनों की जिम्मेदारी है।



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शुजालपुर | अवंतिपुर बड़ोदिया में खराब हुआ गेहूं। आगर मालवा| निपानिया वेयर हाउस में इस तरह खुले में पड़ा था गेहूं।


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