मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त कर शुद्ध वातावरण बनाने एवं हरियाली बढ़ाने के लिए एनजीटी, पीसीबी और एकेवीएन द्वारा किए गए सार्थक प्रयास सफल होते दिख रहे हैं। इन एजेंसियों ने क्षेत्र के उद्यमियों से उद्योगनीति के प्रावधानों पर कड़ाई से पालन कराया।
इसका परिणाम है कि क्षेत्र की करीब 650 फैक्ट्रियों में 10 प्रतिशत भूमि हरियाली के लिए आरक्षित होने से यहां की 300 एकड़ जमीन पर सवा लाख से अधिक पेड़ लगे है। खास बात ये है कि शासन की इन महत्वपूर्ण संस्थाओं के आदेश पर औद्योगिक क्षेत्र में तो अमल हो रहा हैं।
मंडीदीप इंडस्ट्रीयल एरिया तीन हजार एकड़ में फैला है। एकेवीएन के ईई एके सेंगर बताते है कि उद्योग नीति में पौधा लगाना अनिवार्य किया गया है। इसके तहत लीज लैंड में स्माल स्कैल इंडस्ट्रीज (एसएसआई) को तीन साल एवं मीडियम एवं लार्ज स्कैल इंडस्ट्रीज (एमएसआई) को पांच सालों में दस प्रतिशत भूमि पर पौधे लगाना जरूरी है। ऐसा न करने पर प्रीमियम का दस फीसदी भुगतान करने का प्रावधान भी है।
एनजीटी के निर्देश पर संवेदनशील प्रबंधक
मालूम है कि 5 साल पहले विश्व धरोहर भीम बैठिका और भोजपुर के शैलचित्रों को मंडीदीप के उद्योगों से खतरा मंडराने के बाद एनजीटी ने उद्योगों समेत विभिन्न एजेंसियों को ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने के निर्देश दिए थे। माना जा रहा है कि इसके बाद ही पौधे लगाने के काम में तेजी आई। अब फैक्ट्री संचालक उद्योगनीति के प्रावधानों का पालन तो कर ही रहे हैं।
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