70 साल में पहली बार हुआ है जब किसी आपदा से शैक्षणिक संस्थान, उनकी गतिविधियां और परीक्षा का संचालन रुक गया। ऐसे में मुख्यमंत्री काॅलेजाें में परीक्षा नहीं करवाने की घाेषणा कर चुके हैं। मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियाें के बीच हुई चर्चा में यह स्पष्ट किया गया है कि परीक्षा नहीं हाेने पर भी इसे जनरल प्रमाेशन नहीं कहा जाएगा। बिना परीक्षा के पिछली परीक्षा के अंकाें और सीसीई के आधार पर अंक देकर रिजल्ट बनेगा। बिना परीक्षा के रिजल्ट बनाने की प्रक्रिया विवि अधिनियम में संशाेधन के बाद ही संभव हाेगी। अब उच्च शिक्षा विभाग विद्वानाें और शिक्षाविदाें की कमेटी बनाकर विवि अधिनियम, यूजीसी की गाइडलाइन और एमएचआरडी के प्रावधान खंगालने में लगा है। परीक्षा नहीं करवाने और बिना परीक्षा के रिजल्ट बनाने के अधिकृत आदेश जारी हाेने और अधिनियम में संशाेधन हाेने की प्रक्रिया पूरी हाेते ही रिजल्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू हाेगी।
यह है अधिनियम
संविधान में किसी संस्था के संचालन के लिए कानून निर्धारित है। उच्च शिक्षा के लिए निर्धारित नियम को विवि अधिनियम कहा गया है।
ऐसे होगा संशोधन
मुख्यमंत्री की बिना परीक्षा के रिजल्ट बनाने की घोषणा के आदेश जारी होने के बाद यूजीसी और एमएचआरडी की गाइडलाइन, 12वीं सीबीएसई की परीक्षा रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आधार पर उच्च शिक्षा की विशेष कमेटी रिजल्ट बनाने की प्रक्रिया और अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव तैयार करेगी। जिसे कार्य परिषद, समन्वय समिति में पारित होने के बाद राज्यपाल से अनुमोदित किए जाने पर संशोधन की प्रक्रिया होगी।
इसलिए जरूरी है अधिनियम में संशोधन
स्वतंत्रता और मप्र के गठन के बाद बिना परीक्षा के रिजल्ट बनाने, जनरल प्रमोशन देने की स्थिति किसी सर्वव्यापारी आपदा या युद्ध में भी नहीं बनी। ना ऐसा आवश्यकता लगी। 70 साल में पहली बार 2020 में कोविड संक्रमण के कारण छात्रों की सुरक्षा के लिए बिना परीक्षा के रिजल्ट बनाना जरूरी है। जो अधिनियम में संशोधन से संभव है। बिना संशोधन के ऐसा करना नियम विरुद्ध होगा जिसे कोर्ट में चैलेंज कर सकते हंै। रिजल्ट बन जाने के बाद छात्र, कॉलेज, यूनिवर्सिटी और उच्च शिक्षा विभाग को कोई कानूनी समस्या ना हो इसलिए संशोधन की प्रक्रिया जरूरी है।
लिखित आदेश नहीं आए हैं, शासन लगातार ले रहा शिक्षाविद् विशेषज्ञों से मार्गदर्शन
अभी लिखित आदेश नहीं है। शासन लगातार शिक्षाविद् विशेषज्ञों से बात कर रहा है। गाइडलाइन जारी होने के बाद ही कुछ कहना उचित है।
-बी भारती, कुलसचिव बीयू
छात्र हित में वैधानिक प्रक्रिया पूरी करते हुए उच्च शिक्षा विभाग कार्यवाही करेगा।
- डाॅ. धीरेंद्र शुक्ल, ओएसडी उच्च शिक्षा
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2YJdZA1
No comments:
Post a Comment