जिला अस्पताल के बाद अब कोरोना का संक्रमण बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में भी पहुंच गया है। बुधवार शाम वायरोलॉजी लैब से जिन 5 नए पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई है, उसमें एक बीएमसी के मेडिकल ऑफिसर हैं। जो फिलहाल टीबी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में पदस्थ थे और कोरोना के संदिग्ध मरीजों की सैंपलिंग करने का काम कर रहे थे। वहीं अन्य 4 पॉजिटिव मरीजों में दो देवरी ब्लॉक, एक सदर और एक शास्त्री वार्ड मोतीनगर निवासी हैं। इस तरह 5 नए मामले सामने आने के बाद जिले में कुल पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 203 पर पहुंच गया है। वहीं बुधवार को 3 मरीजों को स्वस्था होने पर छुट्टी दे दी गई।
जानकारी के अनुसार 31 वर्षीय डॉक्टर पिछले एक माह से टीबी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में पदस्थ थे। इस दौरान वे कई संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए। लेकिन दो दिन पहले उन्हें अचानक बुखार की शिकायत हुई, जिसके बाद उन्हें 2 जून को जांच के लिए सैंपल दिया और उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। डॉक्टर की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें बीएमसी में शिफ्ट कर दिया गया है। वे शास्त्री वार्ड मोतीनगर निवासी हैं, जहां उनके परिवार में माता-पिता, पत्नी और एक बेटा रहते हैं। परिवार समेत उनके संपर्क में आए अन्य स्टाफ की भी सूची तैयार की जा रही है।
परिवार के अन्य सदस्यों की रिपोर्ट निगेटिव, लेकिन बच्चे हुए पॉजिटिव : देवरी ब्लॉक में दो मासूम कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। इसमें देवरी निवासी 6 साल की बच्ची और सिलारी निवासी 10 वर्षीय बालक है। इसमें 6 वर्षीय बालिका 1 जून को अपने पिता, दादा और दादी के साथ भोपाल से लौटी थी। घर जाने से पहले परिवार के सभी सदस्यों ने टीबी अस्पताल में अपनी सैंपलिंग कराई। रिपोर्ट में बालिका पॉजिटिव निकली, जबकि अन्य सभी सदस्य निगेटिव हैं। वहीं सिलारी निवासी 10 वर्षीय बालक भी हाल ही में चंडीगढ से परिवार के साथ देवरी लौटा था। जहां गांव के लोगों ने उसे परिवार समेत एक स्कूल में क्वारेंटाइन किया था। लेकिन दो दिन पहले बालक को अचानक सर्दी-खांसी शिकायत हुई और उसकी सैंपलिंग कराई गई। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद बालक को बीएमसी शिफ्ट किया गया है। वहीं परिवार के अन्य किसी भी सदस्य में कोरोना के लक्षण नहीं मिले।
गोपालगंज की एक दुकान में मजदूरी करने वाला कटरा निवासी युवक पॉजिटिव: वहीं कटरा निवासी 45 वर्षीय व्यक्ति पॉजिटिव निकला है। जो कि गोपालगंज की एक दुकान में मजदूरी करता था। 4 दिन पहले से उसे सर्दी-खांसी की शिकायत थी और 1 जून को उसकी जांच के लिए सैंपलिंग की गई थी, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। इसके अलावा सदर निवासी 70 वर्षीय महिला की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। हालांकि दोनों के संक्रमण का सोर्स अब तक पता नहीं चल सका।
सागर जिले में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 200 के पार पहुंच चुकी है, जिसमें 1 हफ्ते के भीतर ही 100 से अधिक पॉजिटिव मरीज मिले हैं। यदि अब तक हुई सैंपलिंग में से पॉजिटिव रेट का आंकड़ा देखें तो तीन हज़ार सैंपलों की जांच पर 201 पॉजिटिव मरीज मिले हैं। यानी जिले का पॉजिटिव रेट 7 प्रतिशत हो गया है। जो 15 दिन पहले तक 1.63 प्रतिशत था। इस संख्या में 2 पॉजिटिव मरीज शामिल नहीं हैं, क्योंकि उनकी जांच भोपाल और इंदौर में हुई थी, इन्हें मिलाकर कुल मरीज 203 हो गए हैं। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि 23 मई के बाद हुई सैंपलिंग का पॉजिटिव रेट देखें तो 500 सैंपल में 129 पॉजिटिव मिले हैं। यानी पॉजिटिव रेट 25 प्रतिशत तक पहुंच गया है। जो कि जिले के लिए काफी खतरनाक हो सकता है।
पिछले एक हफ्ते में सैंपलिंग घटी, लेकिन पॉजिटिव रेट बढ़ा : अब तक 3004 सैंपल की जांच हुई है। इनमें पहले 500 सैंपल करीब डेढ़ माह में जांच के लिए भेजे। दूसरे 500 चार दिन, तीसरे 3 दिन, चौथे और पांचवें सिर्फ दो दिन जांचे गए। लेकिन अंतिम 500 सैम्पल लेने में प्रबंधन को 10 दिन का समय लगा। इन 10 दिनों में सैंपलिंग तोधीमी हुई, लेकिन सबसे ज्यादा पॉजिटिव इसी चरण में मिले।
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