मानसून शुरू होते ही ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में बिजली लाइन के पोल से लोगों की जान का खतरा बढ़ने लगा है। बारिश के बाद पोल में करंट आने की ऐसी ही एक घटना में दो बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। गनीमत रही कि समय रहते एम्बुलेंस 108 पहुंच गई वरना करंट से अचेत हुई पांच साल की बच्ची सहित उसकी बहन की स्थिति गंभीर हो जाती। एम्बुलेंस ईएमटी ने प्राथमिक उपचार कर दोनों बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया। डाॅक्टरों
के अनुसार दोनों बच्चों की स्थिति में सुधार है।
जानकारी के अनुसार मुख्यालय से 15 किमी दूर ग्राम टूंगनी में गुरुवार दोपहर एक बजे सजन सिंह की बेटियां प्रतिज्ञा (5) व लक्ष्मी (10) अपने माता-पिता के साथ खेत पर गई थी। खेलते समय वह खेत के पास लगे हाइटेंशन लाइन के पोल के संपर्क में आ गई। इसे दोनों बच्चियों को कंरट लग गया। इससे प्रतिज्ञा वहीं पर अचेत हो गई। यह देख खेतों में काम कर रहे बच्चों के माता पिता सहित अन्य किसानों को होश उड़ गए। सभी ने दौड़ लगा दी और घायल बच्चों को पोल से दूर किया।
इधर, सूचना मिलते ही एम्बुलेंस 108 के ईएमटी जितेंद्र देवतवाल और पायलट राहुल येवले मौके पर पहुंचे। दोनों बच्चों
का प्राथमिक उपचार कर जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया। ईएमटी देवतवाल के अनुसार पांच साल की प्रतिज्ञा अचेत
हो गई थी। मौके पर ही उसे होश में लाया गया।
बीते साल पांच से ज्यादा मौतें करंट लगने से हुई
बीते साल बारिश के मौसम में करंट लगने से जिले में पांच अधिक मौतें हुई थी। इसी साल 14 जनवरी को शहर के महूपुरा क्षेत्र में घर की छत पर खेल रही 12 साल की बच्ची सोना करंट की चपेट में आ गई। इससे उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। वहीं 25 जुलाई 2019 को कालापीपल में तार हटाने के दौरान 35 साल के हफीज की मौत हुई। सतगांव क्षेत्र में भी खेत पर काम कर रहे पति पत्नी की करंट से मौत हो गई थी। सलसलाई क्षेत्र में करंट फैलने से मवेशियों की मौत हो चुकी हैं। करंट लगने की अधिकांश घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में होती हैं। बारिश शुरू होने पर इस तरह का खतरा अब बढ़ने लगा है। बिजली पोल के आसपास ग्रामीण कांटों की बागड़ लगाकर रखें।
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