विश्व पर्यावरण दिवस के तहत क्षेत्र की आधा दर्जन से अधिक ग्राम पंचायत में तालाब गहरीकरण का साप्ताहिक कार्यक्रम चलाकर काम किया जा रहा है। गहरीकरण में काम करने वाले श्रमिकों को राशन सामग्री दे रहे हैं। जिससे श्रमिकों की लॉकडाउन के दौरान होने वाली परेशानी कम हो सके। इस दौरान कई स्थानों पर संस्थान पौधारोपण भी किया गया।
संस्थान के जिला संयोजक रमाकांत राना ने बताया कि परमार्थ समाज सेवी संस्थान द्वारा जल -जन जोड़ो अभियान के तहत समूचे बुंदेलखंड के 6 जिलों में जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य किया जा रहा है। यह कार्य संस्था प्रमुख संजय सिंह के मार्गदर्शन और प्रदेश संयोजक मानवेंद्र सिंह के निर्देशन में चल रहा है। उन्होंने बताया कि यह कार्य बनगाय तालाब, बुदौरा की झिंजन तलैया, सूरजपुर का खेरा तालाब, तमोरा का चंदेल कालीन तालाब जगत नगर व मस्तापुर के तालाब में गहरीकरण किया जा रहा है। इस कार्य में श्रमिकों से कार्य कराकर उन्हें राशन सामग्री प्रदान की जा रही है।
जल संरक्षण दी जानकारी
कोरोना जैसी महामारी के दौर में गरीब और मजदूरों के लिए जल संरक्षण के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। अगर हमारा पर्यावरण स्वच्छ रहेगा तो प्राकृतिक आपदा नहीं आएंगी और हमें असमय बारिश और अकाल तूफान जैसी आपदाएं को नहीं झेलना पड़ेगा। अगर हम जल संरक्षण करेंगे तो धरती के पेट में पानी जाएगा। क्योंकि हम सभी ने पानी का अत्याधिक दोहन करके उसे खोखला कर दिया है और जमीन के अन्य अंदर 200 से 300 फीट तक पानी नहीं है। जिससे सूखे से गुजरना पड़ता है।
पंचायत समिति कर रही काम
संयोजक राना ने बताया कि संस्थान द्वारा पूर्व में गांव-गांव में पानी पंचायत समिति का गठन किया था। जो जिले में करीब 40 पंचायतों में गठित की गई हैं। सभी पानी पंचायत के सदस्य अब अपने अपने गांव में जल स्रोतों के संरक्षण व गहरीकरण का काम करेंगे। जिससे नीचे जाने वाले जलस्तर को पुन: जीवित करेंगे। सूखने वाले तालाबों का गहरीकरण करने बारिश के दौरान उनका भराव अधिक होगा।
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