शनिवार दोपहर सिंधीबस्ती की शराब दुकान से सस्ते दाम पर शराब खरीदने पहुंची भीड़ को पुलिस ने खदेड़कर भगाया। उसके बाद आबकारी अफसरों ने दुकान का शटर लगा दिया। देरशाम तक नए ठेकेदार को दुकान सुपूर्द करने की प्रक्रिया चलती रही।
लॉकडाउन के बीच जिले की सभी शराब दुकानों का ठेका हुआ था। अनलॉक में दुकानें खोली लेकिन ठेकेदारों ने नुकसान से बचने के लिए ठेका छोड़ दिया। कुछ दिन के लिए आबकारी विभाग ने खुद शराब बेची। सप्ताहभर के लिए फिर किसी को ठेके पर बेचने के लिए दी। शुक्रवार को आबकारी विभाग ने उनके ठेके नीलाम किए। इसमें भोपाल की सोम कंपनी ने जिले की सभी दुकानों का ठेका लिया। शनिवार सुबह से सप्ताहभर पुराने ठेकेदार ने दुकान खोली और अंग्रेजी व देशी शराब सस्ते दामों पर बेचना शुरू किया। स्टॉक खत्म करने के उद्देश्य से आधे दाम तक शराब बेची गई। जैसे-जैसे नशेड़ियों को सस्ते में शराब बेचने की खबर मिलती गई, सिंधीबस्ती की शराब दुकान में नशेड़ियों की भीड़ बढ़ती गई। ऐसे में सामाजिक दूरी का पालन भी भूल गए थे। दोपहर 2 बजे सिंधीबस्ती से गुजरे कलेक्टर प्रवीण सिंह और एसपी राहुल लोढा ने यह नजारा देख लालबाग थाना टीआई विक्रमसिंह बामनिया और आबकारी अधिकारियों को बुलाया। पुलिस ने आते ही दुकान पर लगी भीड़ को खदेड़ना शुरू कर दिया। अफसरों ने दुकान का शटर लगवाया और दुकान नए ठेकेदार के सुपूर्द करने की प्रक्रिया शुरू की।
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