एमटीएच कोविड अस्पताल में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। 76 वर्षीय बुजुर्ग की मौत तीन दिन पहले ही हो गई, लेकिन स्टाफ परिजन को यही कहता रहा कि उनकी हालत ठीक है। जब कोरोना का सैंपल भेजने के लिए परिजन ने दबाव बनाया तो खुलासा हुआ कि मरीज की तो जान जा चुकी है।
मामला संविद नगर निवासी एक बुजुर्ग का है। परिजन ने बताया कि कमजोरी के चलते 31 मई को उन्हें कोविड अस्पताल एमटीएच में भर्ती किया था। बेटे रोज उनका हालचाल पूछते तो जवाब मिलता कि ठीक हैं। 4 जून को स्टाफ ने जानकारी दी कि उन्हें जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया है। कोरोना रिपोर्ट का पूछा तो बताया कि अभी रिपोर्ट नहीं आई है। कई बार परिजन ने आग्रह किया कि एक बार उनसे मिलवा दें या बात करवा दें, पर स्टाफ राजी नहीं हुआ। संदेह होने पर शनिवार को बेटे ने अस्पताल प्रबंधन को कहा कि आप लोग जांच नहीं करवा रहे हो तो हम निजी लैब में सैंपल भेज देते हैं। स्टाफ ने टालने की कोशिश की तो परिवार अड़ गया। काफी देर बाद बताया कि उनकी तीन दिन पहले ही मृत्यु हो चुकी है और बॉडी एमवायएच की मर्च्यूरी में है। दौड़े-दौड़े सभी एमवायएच पहुंचे। वहां पता चला कि पुलिस को भी तीन दिन पहले मृत्यु की सूचना दी जा चुकी है। परिजन का आरोप है कि स्टाफ झूठ बोलकर बरगलाता रहा।
जो नंबर बताया, वह बंद आ रहा था : डॉ. शुक्ला
अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुमित शुक्ला के मुताबिक, मरीज की रजिस्ट्रेशन पर्ची पर कोई नंबर नहीं लिखा था। जो नंबर अस्पताल में लिखवाया था, वह बंद आ रहा था। रोज उस नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की। परिजन ने किसी स्टाफ से बात की, हमें इसकी जानकारी नहीं है। हमने पुलिस को भी मौत की सूचना दी थी।
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