दमोह-कटनी रेलखंड पर रेलवे की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहां पर आनू रेलवे फाटक के पास एक जेसीबी को 200 मीटर तक रेलवे पटरियों पर चलाई गई। मामला सामने के आने के बाद रेलवे के स्थानीय अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे बैठे हैं। जानकारी के अनुसार आनू फाटक के पास रेलवे द्वारा अंडर ब्रिज बनाया गया है। जहां पर कुछ काम शेष होने के कारण ठेकेदार द्वारा वहां पर जेसीबी बुलाई गई थी।
पहले तो जेसीबी ट्रेक के बाजू से खेतों से होकर कीचड़ होने की वजह से बमुश्किल से पहुंची। इसी बीच काम करने के बाद जेसीबी लौटने लगी तो स्थानीय ग्रामीणों ने अपने खेतों से जेसीबी ले जाने से मना कर दिया। इसी बीच अप लाइन पर एक मालगाड़ी दमोह से कटनी की ओर गई। इसके बाद ठेकेदार ने पता किया कि अभी इस ट्रक पर कोई भी गाड़ी नहीं आने वाली है।
जिसके चलते जेसीबी को रेलवे ट्रेक पर ही निकाला गया। करीब 200 मीटर तक जेसीबी रेलवे के स्लीपर से होकर दौड़ती नजर आई। खास बात तो यह है कि मौके पर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति लिए बिना ही इतने वजनी वाहन को निकाला गया। यदि जेसीबी से सीमेंट के स्लीपर या ट्रेक में कुछ छति हो जाती तो वहां से ट्रेन निकलने से कोई बड़ा हादसा भी हो सकता था।
इस संबंध में वरिष्ठ रेल खंड अभियंता नीरज श्रीवास्तव, सीसीआई सतीशचंद्र अग्रवाल से संपर्क किया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव ही नहीं किया। इस संबंध में पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर मंडल पीआओ प्रियंका दीक्षित का कहना है कि एलएचएस 68 पर काम चल रहा था। जहां ठेकेदार द्वारा जेसीबी को काम पर रखा गया था। ठेकेदार द्वारा उचित सुरक्षा के तहत एसएसई नेपाल सिंह की उपस्थिति में निकाली गई है।
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