माध्यमिक शिक्षा मंडल के कक्षा 12वीं के नतीजों में सुधार आने के कारण इस बार जिले के शासकीय स्कूलों के रिजल्ट का ग्राफ भी बढ़ गया है। प्राइवेट स्कूलों की तुलना में जिले के शासकीय स्कूलों का औसत रिजल्ट इस साल 8.44 प्रतिशत अधिक रहा। शासकीय स्कूलों का बेहतर रिजल्ट देने के मामले में उज्जैन जिला प्रदेश में छठे स्थान पर रहा। खास बात यह है कि शासकीय स्कूलों के पास होने वाले विद्यार्थियों में 63 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में पास हुए हैं।
विभागीय स्तर पर रिजल्ट की समीक्षाएं शुरू हो गई हैं। उज्जैन जिले में शासकीय स्कूलों का औसत रिजल्ट 79.29 प्रतिशत रहा, जबकि निजी स्कूलों का औसत रिजल्ट 70.85 प्रतिशत रहा। जिले में शासकीय स्कूलों के 5685 विद्यार्थी पास हुए। इनमें से 3592 प्रथम श्रेणी में, 1894 द्वितीय श्रेणी में और केवल 201 तृतीय श्रेणी में पास हुए। जिले में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चिंतामण जवासिया, कन्या उर्दू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मदारगेट, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बेड़ावन, हाई स्कूल अजड़ावदा और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पंथ पिपलई का रिजल्ट 100 फीसदी रहा।
ऐसा रहा जिले के 102 स्कूलों का रिजल्ट
7314
परीक्षा में शामिल हुए
5685
पास हुए
891
को पूरक आई
747
फेल हुए
(स्त्रोत जिला शिक्षा विभाग)
52 में से 24 फेल, 14 को पूरक, औसत रिजल्ट 26.92 %
शाउमावि बिछड़ौद (घटि्टया) का रिजल्ट सबसे कम 26.92 प्रतिशत रहा। यहां दर्ज 53 में से 52 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी, जिसमें से 14 ही पास हुए। बालक उमावि उन्हेल (खाचरौद) का औसत रिजल्ट 43 प्रतिशत, उमावि पिपलोदा सागोती माता का औसत रिजल्ट 43.59% और उमावि बलेड़ी (बड़नगर) का औसत रिजल्ट 48.48 प्रतिशत रहा।
कमजोर रिजल्ट देने वालों पर होगी कार्रवाई - डीईओ
जिला शिक्षा अधिकारी रमा नाहटे ने बताया कक्षा 12वीं में हमारी ओर से 80 प्रतिशत रिजल्ट का लक्ष्य रखा गया था, जो लगभग पूरा हो गया है। जल्द ही कक्षा 12वीं के साथ ही पहले घोषित हुए कक्षा 10वीं के रिजल्ट की भी समीक्षा की जाएगी। रक्षाबंधन के बाद प्राचार्यों के साथ ऑनलाइन समीक्षा रखी जाएगी। जिन स्कूलों का परिणाम 50 प्रतिशत से कम रहा है, उनकी समीक्षा कर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
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