नर्मदा के ऊपरी हिस्सों में लगातार बारिश से ओंकारेश्वर बांध के 21 गेट खोलकर पानी छोड़ने से शनिवार को नावघाट खेड़ी क्षेत्र में जलस्तर तेजी से बढ़ा। प्रशासन ने मोरटक्का पुल से आवागमन बंद कर दिया। यहां आधा मीटर नीचे तक जलस्तर पहुंच गया था। 2013 के बाद शनिवार रात 11 बजे से मोरटक्का पुल के ऊपर से पानी जाने लगा।
जिले में हो रही तेज बारिश से देजला देवाड़ा सहित 10 बड़े तालाब भी ओवरफ्लो हो गए। महेश्वर में सारे घाट जलमग्न हो गए। अहिल्या देवी के किले तक नर्मदा पहुंच गई। मोरटक्का में दोपहर 1 बजे सामान्य जलस्तर 163.980 पर था। उसके बाद 2.30 बजे बाद नर्मदा ने तटबंध तोड़ दिए। शाम 5 बजे खतरे के निशान 165.0 मीटर से डेढ़ मीटर अधिक 166.500 मीटर पर बह रहा था। दोपहर 3 बजे मोरटक्का पुल से आवागमन बंद करना पड़ा। हल्के वाहनों को एक्वाडक्ट पुल से डायवर्ट किया गया है। दोपहर में एक घंटे में ही सवा मीटर तक जलस्तर बढ़ गया। मोरटक्का पुल से आधा मीटर नीचे पानी है। ओंकारेश्वर बांध से शुक्रवार रात 3 बजे 12 हजार, सुबह 10 बजे 14 हजार व शाम 5 बजे 25 हजार क्यूमैक्स पानी छोड़ा गया। नर्मदा क्षेत्र में बड़वाह एसडीएम मिलिंद ढोके ने नदी किनारे नाविक व गोताखोर तैनात किए हैं। एक्वाडक्ट पुल पर नर्मदा की बाढ़ देखने दिनभर लोग पहुंचते रहे। मुराल्ला व डेहरिया क्षेत्र से लोगों को सुरक्षित जगह भेजा गया।
भारी वाहन किए डायवर्ट
सुबह 10 बजे से हलके वाहन पुल पर आवाजाही रही। खंडवा से इंदौर के वाहनों को देशगांव व इंदौर से खंडवा के वाहनों को तेजाजीनगर से डायवर्ट कर िकया। नर्मदा ने 165 मीटर को खतरे के निशान को लांघा तो आवागमन पर रोक लगा दी गई। वाहन मोरटक्का के एक्वाडक्ट पुल पर से होकर बड़वाह पहुंचे।
भैरव मंदिर पूरा डूबा
मंडलेश्वर | नर्मदा तट पर स्थित भैरव मंदिर पूरा डूब गया। नर्मदा के रौद्र रूप को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। सुरक्षा के चलते प्रशासन ने बैरिकेड्स लगाकर आवाजाही पर रोक लगाई। नाविकों व गोताखोरों को सतर्क किया।
देजला देवाड़ा बांध ओवरफ्लो
भगवानपुरा | दो दिन से हो रही बारिश से क्षेत्र का देजला देवाड़ा जलाशय शनिवार को लबालब हो गया। बांध की स्पिल से 3 इंच पानी बह निकला। पिछले साल यह बांध 9 अगस्त को पूर्ण क्षमता तक भर गया था। क्षेत्र का खारक बांध 16 दिन पहले भर गया था। 635 हैक्टेयर में फैले देजला देवाड़ा बांध की जल संग्रहण क्षमता 50.29 मिलियन क्यूबिक मीटर है। इससे करीब 9 हजार हैक्टेयर में सिंचाई होती है। बांध भरने से रबी सीजन में किसानों को गेहूं-चना फसल की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सकेगा।
गांवों में करवाई मुनादी
कसरावद | नावड़ातौड़ी व आसपास के गांवों के घाट डूब गए। तहसीलदार केशवसिंह ने बताया भट्याण बुजुर्ग से लेकर भोइंदा तक निचली बस्ती में लोगों को अलर्ट किया है। मुनादी करवाई है। बाढ़ प्रभावितों को रैनबसेरा में भेजने व भोजन व्यवस्था की तैयारी कर ली है। आपदा प्रबंधन टीम निगरानी कर रही है।
सियाराम बाबा आश्रम डूबा
खामखेड़ा | ऊपरी बांधों के गेट खुलने से नर्मदा का पानी ग्राम भट्याण बुजुर्ग में संत सियाराम बाबा के आश्रम के हनुमान मंदिर के पास पहुंच गया। निचली बस्तियों के मकानों को पानी छू गया। लोगों ने नर्मदा तट की दुकानें खाली कर दी।
महेश्वर में घाट व मंदिर जलमग्न
महेश्वर | ओंकारेश्वर बांध के गेट खुलने से नर्मदा का जलस्तर सामान्य 140 मीटर से बढ़कर 145 हो गया। हर 1 घंटे में आधा मीटर बढ़ोतरी दर्ज की। शनिवार शाम 7 बजे तक अहिल्या घाट की अष्टपहलू की 30 में से 15 सीढ़ियां डूब गई। सास-बहू की छतरियां आधी से अधिक डूब गई। नर्मदा के बीच बाणेश्वर मंदिर के अंदर पानी घुस गया। बड़वाह से महेश्वर तक पानी पहुंचने में 3 घंटे लगते हैं। 3 मिनट में सूचना पहुंच जाती है। बड़वाह खेड़ीघाट में जमीन समतल स्तर पर है। वहां चौड़ाई भी यहां की तुलना में कम है। बाढ़ उतरने की खबर भी मिल जाती है।
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