(राहुल दुबे) मौसम विभाग के हिसाब से बारिश का खाता 30 सितंबर को बंद हो जाएगा। 1 जून से 30 सितंबर तक बारिश की अवधि मानी जाती है। इस दफा 47.4 इंच पानी गिरा है, जो औसत से 13.4 इंच ज्यादा है। पिछले साल 30 सितंबर की अवधि तक 53 इंच पानी गिरा था। अक्टूबर में भी जुलाई-अगस्त जैसा पानी बरसा था। मानसून की अधिकृत अवधि यानी 30 सितंबर तक बारिश नहीं होगी। दोपहर में जरूर बादल छा जाएंगे, लेकिन यह केवल धूप से राहत देंगे।
अगले साल तक कोई किल्लत नहीं
पानी देने वाले बिलावली तालाब और यशवंत सागर पूरी क्षमता से भरे हुए हैं। क्रमश: 24 और 10 फीट पानी आ गया है। इसका मतलब यह है कि अगले साल गर्मी खत्म होने तक पानी की कमी नहीं होगी। इसके बाद बारिश आने पर औसत बारिश भी हो गई तो तालाब फिर भर जाएंगे। गर्मियों में भी इन तालाबों में 10 फीट तक पानी रहता है।
अगस्त में हुई दो गुना बारिश
अगस्त की बारिश 11.5 इंच तक मानी जाती है। इस बार अगस्त में 24 इंच के करीब पानी गिरा। सौ साल में पहली बार 12.5 इंच पानी एक साथ गिरा। इसी बारिश ने सालभर का कोटा पूरा कर दिया था। जबकि जून, जुलाई और 19 अगस्त तक सूखा घोषित होने के आसार बन रहे थे।
चारों महीने मिलाकर इस बार बारिश के दिन कम रहे, लेकिन पानी ज्यादा बरसा
जून : जून में छह दिन पानी गिरता है। इस बार 1 से 3 जून तक पानी गिरा। फिर 15 जून को मानसून घोषित हुआ, लेकिन बरसा नहीं। 18, 19 को पानी गिरा। 28 जून को बारिश हुई थी।
जुलाई : जुलाई में 13 से 14 दिन पानी गिरता है, लेकिन इस वर्ष 1 से 10 जून के बीच केवल ढाई इंच पानी गिरा। फिर जुलाई के अंत में यानी 20 से 30 जुलाई के बीच 5 इंच पानी बरसा।
अगस्त : 19 अगस्त तक 19 से 20 इंच। 21, 22 अगस्त को एक ही बार में 12.5 इंच गिरा। 28 अगस्त को 3 इंच बारिश हुई। इसे मिलाकर बारिश 37 इंच तक पहुंच गई।
सितंबर : 6 सितंबर के बाद 2 से 2.5 इंच बारिश के 4 राउंड आए। आंकड़ा 47 इंच तक पहुंच गया। सितंबर में बारिश के दिन 7 से 8 होते हैं, पर इस बार 11 दिन पानी बरसा।
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