कोरोना संक्रमित आइसोलेशन वार्ड में दो दिन से पानी नहीं है। मरीज परेशान हो रहे हैं। शौचालय जाने के बाद मरीजों को नेपकिन, कागज का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। वार्ड में शिकायत काउंटर भी नहीं है। मरीजों की दवाई व अन्य खाद्य सामग्री ऊपर तक पहुंचने में एक घंटा लग रहा है। आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मीसाबंदी मरीज बसंत गुप्ता ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर कलेक्टर के नाम पोस्ट शेयर की। जिसमें उन्होंने वार्ड की अव्यवस्थाओं के बारे में लिखा।
हालांकि कोरोना वार्ड का प्रबंधन देख रहे मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. अनंत पंवार ने इस पूरे मामले से अनभिज्ञता से जताई। डॉ. पंवार बोले मैं जानकारी लेकर ही इस मामले में कुछ बोल पाऊंगा। अगर ऐसा कुछ भी होता तो स्टाफ द्वारा मुझे जानकारी दी जाती है। क्योंकि वहां पर स्टाफ व डॉक्टर भी रहते हैं।
बुजुर्ग मरीजों की परेशानी
आइसोलेशन वार्ड में भर्ती बुजुर्ग मरीजों से उनके परिजन नहीं मिल पा रहे है। इसलिए ज्यादातर बुजुर्गों को सदमा हो रहा है। इस कारण उनकी मौत तक हो रही है।
खाद्य सामग्री ही गायब
कोरोना वार्ड में भर्ती मरीजों के उनके परिजनों को फल व खाद्य सामग्री वार्ड तक पहुंचा रहे है, शर्मनाक बात यह है कि मरीज तक ये सामग्री नहीं पहुंच रही है।
हमारे पास नहीं डॉक्टर जो परिजनों को दे जानकारी
इधर आइसोलेशन वार्ड में भर्ती संदिग्ध व पॉजिटिव कोराेना मरीजों के परिजन जानकारी न मिलने से परेशान है। परिजन अपने मरीज का हालचाल जानने अस्पताल का दिनभर चक्कर लगाते रहते है, लेकिन उन्हें कोई सटिक जानकारी नहीं मिलती। आईसीयू में भर्ती मरीजों के परिजन को डॉक्टर द्वारा जानकारी के नाम पर बस इतना कहा जाता कि आपका मरीज सीरियस है। इस मामले पर डीन डॉ. पंवार ने कहा कि हमारे पर मरीज के परिजनों को सूचना देने के लिए डॉक्टर नहीं है। जो डॉक्टर है वे मरीजों का इलाज करने में जुटे हुए है।
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