समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं खरीदा गया। जिसे बारिश से बचाने के लिए कृषि उपज मंडी में रख दिया। जहां देखरेख के अभाव में आवारा मवेशी व अन्य पशु खा रहे हैं। लेकिन इस ओर जिम्मेदारों का ध्यान नहीं है।
मंडी परिसर में रखे गेहूं में बारिश में भीग गए थे। इससे इनमें से बदबू भी आ रही है। हालत यह है कि आसपास रहने वाले लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़े बदबूदार गेहूं की वजह से लोगों को उनके स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ रहा है।
लापरवाही पर नहीं ध्यान: किसानों से सहकारिता के माध्यम से गेहूं खरीदकर श्यामपुर मंडी प्रांगण में सुरक्षित रखा गया था। गेहूं रखने के बाद देखरेख नहीं की जा रही है। इससे आवारा मवेशी बोरियों को फाड़कर खा रहे हैं।
अभी तक नहीं आया गेहूं का पैसा: खंडवा निवासी किसान रमेश जाट ने बताया कि पंजीयन के बाद गेहूं की तुलाई कराई थी। तीन महीने बीतने के बाद भी अभी तक गेहूं की राशि किसानों के खाते में नहीं डाली गई है।
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