सीवरेज लाइन के लिए मनमानी खुदाई, उस पर घटिया मरम्मत ने सड़कों को उधेड़कर रख दिया है। मुख्य मार्ग के साथ इनमें कॉलोनियों की सड़कें भी हैं। अभी के हालात ज्यादा चौंकाने वाले हैं। करीब 1.2 किमी की सड़कों की मरम्मत बाकी है। एक से तीन माह पहले खोदी गई सड़कों को मिट्टी डालकर सीवरेज ठेकेदार ने लावारिस छोड़ दिया है।
सिर्फ यही नहीं शहर की लगभग 2.5 किमी सड़कें ऐसी हैं जिनका घटिया रीस्टोरेशन धंस गया है। तमाशा देख रहे नगर निगम के अफसरों से भरोसे उठने के बाद रविवार को शक्ति नगर के रहवासियों ने मोर्चा खोलते हुए खुदी हुई पूरी मुख्य सड़क पर पौधे लगा दिए। साथ ही चेतावनी का बोर्ड टांग दिया कि अपनी रिस्क से गुजरें। 136.66 करोड़ रुपए के खर्च से बनने वाले सीवरेज सिस्टम की खुदाई चार साल पहले 6 जून 2017 को फव्वारा चौक से शुरू हुई थी। अभी लगभग तीन माह और चलेगी।
इन इलाकों की सड़कों का धंस गया रीस्टोरेशन : मोहनगर, शेरानीपुरा, मोचीपुरा, पांजरा पोल, जवाहरनगर, दिलीप नगर आदि।
इन इलाकों का रीस्टोरेशन बाकी : जवाहरनगर, मोहननगर, कस्तूरबा नगर, शक्तिनगर, अलकापुरी आदि।
टांगा चेतावनी बोर्ड- अपनी रिस्क पर गुजरें
करीब तीन माह से सीवरेज लाइन डालने के लिए खोदी गई सड़कों को दुरुस्त नहीं करने से कीचड़ से परेशान शक्ति नगर की महिलाओं को गुस्सा शनिवार को फूटा। चार दिन पहले शव वाहन फंसने के बाद शिकायत के बावजूद पैचवर्क नहीं होने से नाराज रहवासियों ने कस्तूरबा नगर तक मुख्य मार्ग से कॉलोनी तक आ रहे लगभग 200 मीटर के मुख्य मार्ग पर खुदाई वाली जगह पौधे लगा दिए। दोपहर 12 बजे शुरू हुआ यह सिलसिला दोपहर 1.30 बजे तक चला। इस दौरान रहवासियों ने नगर निगम और सीवरेज ठेकेदार के खिलाफ जमकर नारे भी लगाए। नीलम पटेल, मंगला उपाध्याय, हंसु कुंवर, मंजू अग्रवाल, राजकुंवर चौहान, चंद्रकांता शर्मा, ममता व्यास, वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व पार्षद पवन सोमानी, नवीन व्यास, विजय मीणा, किशोर सिंह, दीपक शर्मा, जयदीप शर्मा सहित बड़ी संख्या में रहवासी मौजूद रहे।
ये हालत है- मौजूदा सीवरेज सिस्टम के काम के
सब ट्रंक लाइन - लगभग 12 किमी बाकी, 281 किमी में से 269 किमी डल चुकी,
मुख्य लाइन - 2.6 किमी बाकी ,11.5 किमी में से 8.9 किमी डल चुकी
मैन लाइन चैंबर – 31 बनना बाकी, अब तक 5026 में से 4995 बने
हाउस चैंबर – 106 बनना बाकी, 9156 में से करीब 9050 बन चुके
हाउस कनेक्शन - 7200 हो चुके, कुल 46 हजार घरों के होना है।
एसटीपी - 16 एमएलडी वाला खेतलपुर प्लांट 85 प्रतिशत, 21.5 एमएलडी वाला करमदी रोड प्लांट 65 प्रतिशत तैयार, दिसंबर तक चालू होने की उम्मीद।
डेडलाइन – पहले 31 दिसंबर 2019, फिर जून 2020, अब दिसंबर 2020
राहत : दस साल ठेकेदार को ही चलाना है
छोटे पाइप देखकर चिंतित हो रहे शहरवासियों के लिए राहत वाली बात यह है कि सिस्टम बनने के बाद उसे 10 साल तक सीवरेज ठेकेदार को ही चलाना भी है। सिस्टम पर खर्च होने वाली 136 करोड़ रुपए दस साल का ऑपरेशनल खर्च भी शामिल है।
सीधी बात
भीखू भाई वाघेला, ठेकेदार कंपनी जयवरुड़ी के संचालक
सवाल –रिस्टोरेशन क्यों नहीं कर रहे?
{जवाब - बारिश लगातार हो रही है, इसलिए रीस्टोरेशन टिक नहीं पा रहा। जहां करते हैं, वहां खराब हो जाता है।
सवाल – सड़कें कब सुधरेंगी।
{जवाब - हालांकि बारिश में डामरीकरण नहीं किया जाता है, फिर भी टीम को बुला लिया है। एक-दो दिन में शुरू कर देंगे। बारिश पूरी तरह रुक जाए तो एक सप्ताह में पूरा कर देंगे।
सवाल – कर्मचारी ठीक से खुदाई नहीं कर रहे, बीएसएनएल की केबल टूट रही है।
{जवाब - विभाग को बताकर और पूछकर ही खुदाई करते हैं, फिर भी नीचे से लाइन और केबल निकल जाती है।
संदीप बाथम, मॉनिटरिंग कंपनी वेप्कोश के रेसीडेंट इंजीनियर
सवाल –मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी आपकी है, फिर सड़कों की यह हालत क्यों।
{जवाब – ठेकेदार कंपनी के इंजीनियरों को साफ कह दिया है कि जल्द ही सभी खुदी हुई सड़कों का रीस्टोरेशन करो।
सवाल – शक्तिनगर में आज रहवासियों ने सड़कों पर पौधे ही लगा दिए।
{जवाब – वहां तो कल शाम को ही टीम भेजकर काम शुरू करवा दिया था। रात में काफी कुछ काम हो भी गया था।
सवाल – सीवरेज की खुदाई कब तक चलेगी।
{जवाब - ज्यादा काम नहीं बचा है, फिलहाल ठेकेदार कंपनी को दिसंबर तक समय दिया है। उसने मार्च तक मांगा है।
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