कोरोना संक्रमण कम हाेने के साथ ही काेविड अस्पतालाें पर दबाव भी कम हाे गया है। 804 बेड की क्षमता वाले सरकारी अस्पतालाें में रविवार काे सिर्फ 55 मरीज थे। हालात ये हैं कि 178 बेड के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सिर्फ 45 मरीज भर्ती हैं। आयुर्वेदिक कॉलेज के अस्पताल में 36 बेड आरक्षित हैं लेकिन यहां सिर्फ 5 मरीज भर्ती हैं। इसी तरह जिला अस्पताल मुरार के 75 बेड पर सिर्फ 2 मरीज भर्ती थे। सवाल ये है कि यदि इन अस्पतालाें में संक्रमित मरीज नहीं हैं ताे चार माह से बंद आईपीडी और ओपीडी चालू क्याें नहीं की जा रही है? सामान्य दिनों में जिला अस्पताल की ओपीडी में 800 से 1000 मरीज और आयुर्वेदिक कॉलेज के अस्पताल में भी 400 से 450 मरीज आते थे।
यदि काेविड फ्री घाेषित कर दिए जाएं 3 अस्पताल ताे पहले की तरह सुचारू हाे सकेंगी स्वास्थ्य सेवाएं
जिला अस्पताल, आयुर्वेद काॅलेज और ईएसआई अस्पताल को यदि काेविड फ्री कर दिया जाए और यहां भर्ती इक्का-दुक्का मरीजाें काे सुपर स्पेशलिटी में शिफ्ट कर देने से कई फायदे होंगे। एक ही जगह मरीज रहने डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ कम लगाना पड़ेगा। जिला अस्पताल, आयुर्वेदिक कॉलेज और ईएसआई में ओपीडी और आईपीडी शुरू हो सकेगी, जिससे जेएएच का लोड कम होगा।
तीन अस्पतालाें काे काेविड से फ्री करने पर कलेक्टर से करेंगे चर्चा
कोरोना मरीजों की कम होती संख्या को देखते हुए जिला अस्पताल मुरार, आयुर्वेदिक कॉलेज से संबद्ध अस्पताल और ईएसआई को कोविड से फ्री करने के संबंध में कलेक्टर चर्चा की जाएगी। अगर ये अस्पताल कोविड फ्री हो जाएंगे तो यहां सामान्य ओपीडी और आईपीडी की सुविधा मिल सकेगी।
डॉ. मनीष शर्मा, सीएमएचओ
रेसीडेंट डॉक्टर, असिस्टेंट प्रोफेसर व सहायक इंजीनियर निकले संक्रमित
ग्वालियर | रविवार काे 25 नए संक्रमित मिले। इनमें जेएएच के न्यूरोसर्जरी में पदस्थ रेसीडेंट डॉक्टर, शब्द प्रताप आश्रम निवासी आईटीएम के असिस्टेंट प्रोफेसर अाैर गोले का मंदिर निवासी मौ नगरपालिका में पदस्थ सहायक इंजीनियर शामिल हैं। केंद्रीय जेल में दो कैदी और एक आरक्षक भी संक्रमित मिले हैं।
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