Tuesday, October 6, 2020

इमरजेंसी लोन और स्ट्रीट वेंडर योजना के कारण लॉकडाउन में बांटे 20.77% ज्यादा कर्ज

(गुरुदत्त तिवारी) भले ही कोराेना के सक्रमण को रोकने लिए देश में लगाए गए सख्त लॉकडाउन का देश की अर्थव्यवस्था पर बेहद प्रतिकूल असर पड़ा हो, लेकिन लॉकडाउन की तिमाही (अप्रैल-जून) में राजधानी में नए कर्ज की वृद्धि दर अप्रत्याशित रूप से 20.77% रही। राजधानी की बैंकों से 11,828 करोड़ रुपए के कर्ज बांटे गए। यह वृद्धि दर पिछले साल की इस तिमाही से 2.74 गुना रही। पिछली अप्रैल से जून तक यह वृद्धि दर 8.37% ही रही थी और बैंकों ने 4304 करोड़ रुपए के कर्ज बांटे।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ताजा क्रेडिट रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। देश के सबसे बड़े आर्थिक शहर कहे जाने वाले इंदौर की तस्वीर बिल्कुल अलग रही। रिपोर्ट कहती है कि नए वित्तीय वर्ष में 1 अप्रैल से 30 जून तक बैंकों के कर्ज की वृद्धि दर नकारात्मक रही। बैंकों के कर्ज 50,284 करोड़ रुपए से घटकर 5,483 करोड़ रु. या 10.90% गिरकर 44,801 करोड़ रु. पर आ गए।

इसके मायने यह हैं कि लोगों ने पुराने कर्ज चुकाए जरूर, लेकिन नए कर्ज नहीं लिए। प्रदेश के 50% से अधिक जिलों में कर्ज की वृद्धि दर नकारात्मक रही। शीर्ष चार शहरों में भोपाल के अतिरिक्त जबलपुर में ही इस दौरान कर्ज की दर में सकारात्मक वृद्धि दर देखने को मिली। ग्वालियर में भी इस दौरान कर्ज बटने के बजाय घट गए।

मप्र में अप्रैल-जून के बीच कर्ज में हुई बढ़ोतरी

सरकारी कर्ज योजनाओं में राजधानी में खूब कर्ज बांटे गए। इसी के चलते यह कर्ज दर में यह बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। हालांकि दूसरी तिमाही में इंदौर समेत दूसरे शहरों में भी उल्लेखनीय काम हुआ है। उसका सकारात्मक असर साल की दूसरी तिमाही में देखने को मिलेगी।
-शैलेंद्र श्रीवास्तव, लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर, भोपाल जिला

इसलिए बढ़े कर्ज
इमरजेंसी लोन :
लॉकडाउन के दौरान आर्थिक संकट से जूझ रहे छोटे और मझौले उद्योगों की मदद के लिए केंद्र सरकार इमरजेंसी लोन स्कीम लेकर आई। इसमें पहले से ही बैंकों से कर्ज ले चुके उद्योगों को 20% अतिरिक्त राशि दी गई। इसी तरह कार और होम लोन के ग्राहकों को समय पर किश्त चुकाने के लिए भी अतिरिक्त कर्ज बांटे गए। राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के दबाव के कारण भोपाल में सबसे ज्यादा कर्ज बांटे गए।
स्ट्रीट वेंडर योजना : इसमें भी भोपाल में लगभग 40 हजार से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को ही 10-10 हजार रुपए के कर्ज बांटे गए।

होम लोन में बढ़ोतरी
लॉकडाउन के दौरान मकान मालिक और किराएदारों के बीच बड़े विवाद हुए। किरायेदारों को कम जगह होने के कारण सोशल डिस्टेंसिंग और होम आइसोलेशन सुविधा नहीं मिली। ऐसे में लॉकडाउन खुलने के बाद मई और जून में बड़े पैमान पर लोगों ने नए घर खरीदे। रजिस्ट्री में भी अप्रत्याशित उछाल आया।




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राजधानी की बैंकों से 11,828 करोड़ रुपए के कर्ज बांटे गए। (प्रतीकात्मक फोटो)


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