Wednesday, October 14, 2020

मंडी में बढ़ी आवक, किसानों काे करना पड़ रहा रतजगा, व्यापारियों ने कम किए मूंग के भाव

कृषि उपज मंडी में बीते 2 दिनों से उपज की आवक ज्यादा हो रही है। स्थिति यह है कि किसानों को मूंग, सोयाबीन, मक्का, उड़द बेचने के लिए रतजगा करना पड़ रहा है। ऐसे में छोटे किसानों को ट्रैक्टर- ट्राॅली का दाेगुना किराया चुकाना पड़ रहा है। वहीं वे उमस और मच्छरों के बीच रात बिताने को मजबूर है। मंगलवार को भी करीब 125 ट्रॉलियां अगले दिन के इंतजार में शेड के नीचे खड़ी रही। सोमवार को भी करीब 80 ट्राॅली नीलामी से छूट गई थी।

इस साल सोयाबीन की फसल पूरी तरह खराब हो गई। किसानों को रबी सीजन के लिए खाद-बीज की खरीदी करना है, वहीं सोयाबीन के लिए खरीदे गए खाद-बीज और हार्वेस्टर से कटाई की उधारी भी चुकाना है।

कई किसानों को बीमा की राशि भी नहीं मिली है अब ऐसे किसान अच्छा भाव मिलने की उम्मीद में घर में बचा कर रखा गेहूं, चना, मूंग, उड़द, मक्का बेचने मंडी पहुंच रहे हैं। सोमवार को 15 हजार क्विंटल से ज्यादा की आवक रही, करीब 13508 क्विंटल की खरीदी हुई। इसी प्रकार मंगलवार को भी करीब 16 हजार क्विंटल की आवक हुई, इसमें भी कई ट्राॅली उपज की नीलामी हाे ही नहीं पाई।

हरदा मंडी में आसपास के जिलों से भी किसान उपज बेचने पहुंच रहे हैं

इन दिनों हरदा मंडी में आसपास के जिलों से भी किसान उपज बेचने पहुंच रहे हैं। इस कारण आवक बढ़ी है। वहीं बढ़ी हुई आवक को देखते हुए व्यापारियों ने भाव कम कर दिए हैं, इस कारण यहां भी किसानों को उम्मीद के अनुसार भाव नहीं मिल रहे हैं। खास बात यह है कि व्यापारी एक दो ट्रॉली ही ऊंचे दाम में ले रहे हैं जिससे अच्छी आवक बनी रहे, लेकिन पुरानी उधारी चुकाने त्योहार की खरीदी और रवि सीजन की बोनी का इंतजाम करने के लिए किसान कम दाम में ही उपज बेचने को मजबूर है।

किसान एक ट्रैक्टर में दाे ट्राॅली लगाकर लाया, शक हाेने पर हुई जांच

मंगलवार दोपहर में एक किसान ने दो ट्राॅली उपज अलग-अलग फर्मों को बेची। एक ट्रैक्टर किसी काम से शहर ले जाया गया था ऐसे में दूसरे ट्रैक्टर से 2 ट्राॅली या अलग-अलग फर्मों पर ले जाई गई। इस कारण व्यापारियों को शंका हुई उपज का तोल कराया, वजन बराबर पाए जाने पर शंका का समाधान हुआ। इसके बाद दोबारा नीलामी शुरू हुई। मामले की पड़ताल के बीच करीब 15 मिनट नीलामी बंद रही। मंडी सचिव संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि व्यापारियों को परिस्थिति वश भ्रम हो गया था जो कुछ ही देर में क्लियर हो गया, इसके बाद खरीदी शुरू हो गई।

यह है किसानों की परेशानी

1. लाछोरा के किसान आशीष गुर्जर ने बताया कि वे रविवार रात काे मूंग लेकर किराए के ट्रैक्टर-ट्राॅली से उपज मंडी ले आए थे, लेकिन ज्यादा भीड़ होने के कारण शाम तक उनका नंबर नहीं आया। इस कारण मंडी में ही रात बितानी पड़ी। मंगलवार को उपज की नीलामी हो सकी। उन्होंने बताया कि मूंग 6200 रुपए क्विंटल बिकी, इससे नुकसान हुआ। वहीं रात रुकने के कारण ट्रैक्टर-ट्राॅली का किराया डबल देना पड़ा।

2. सुखरास के किसान लक्ष्मीनारायण ने बताया कि सोमवार काे सुबह मक्का बेचने आए थे। शाम तक बाेली नहीं लग सकी। मंडी में ही उमस और मच्छरों के बीच रात बिताई, मंगलवार को उपज बिकी। ऐसे में इंतजार करना और कम रेट मिलना पूरी तरह से घाटे का सौदा है। मक्का 900 रुपए क्विंटल िबकी।




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Incoming increase in the market, farmers have to pay the price, traders reduce prices of moong


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