जीरन तहसील के ग्राम चीताखेड़ा में बस स्टैंड के लिए आरक्षित एक समाज के लोगों द्वारा अतिक्रमण करने और प्रशासन द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं करने के कारण आए दिन विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है। यदि समय रहते प्रशासन ने ठोस कार्रवाई नहीं की तो कभी भी बड़ा विवाद हो सकता है। इसलिए तत्काल ठोस कदम उठाए जाए। यह मांग चीताखेड़ा पंचायत के ग्रामीणों ने कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन में कहीं। सरपंच राकेश जावरिया के साथ ग्रामीण कलेक्टोरेट पहुंचे आैर कलेक्टर के नाम नायब तहसीलदार पिंकी साठे को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में बताया कि जीरन तहसील के ग्राम चीताखेड़ा में ग्राम पंचायत द्वारा बस स्टैंड के लिए आरक्षित जमीन पर एक समाज द्वारा 17 सितंबर-2019 से अतिक्रमण कर रखा है। उक्त अतिक्रमण को हटाने के लिए कोर्ट ने भी प्रशासन के पक्ष में निर्णय देते हुए कार्रवाई के निर्देश दे रखे है। बावजूद प्रशासन द्वारा बोर्ड हटा कर ओपचारिकता निभाई गई। जबकि तार फैंसिंग नहीं हटाई गई। शासन द्वारा ग्राम पंचायत के लिए सुलभ शौचालय स्वीकृत किया गया, जिसके लिए 13 अक्टूबर को पंचायत के सरपंच राकेश जावरिया, सचिव रमेश शर्मा एवं इंजीनियर शासकीय भूमि पर एक समाज के लोगों ने जो कब्जा कर रखा है। उस जमीन को देखने पहुंचे थे।
तभी उक्त समाज के कुछ लोगों ने मिलकर सरपंच, सचिव एवं इंजीनियर पर जानलेवा हमला कर दिया। घटना में सरपंच राकेश जावरिया घायल हो गए थे। इस घटना की तत्काल शिकायत सरपंच एवं सचिव ने पुलिस थाना जीरन में की गई। पुलिस द्वारा शासकीय कार्य में बाधा एवं एससी-एसटी एक्ट में 5 लोगों सहित अन्य पर अपराध पंजीबद्ध भी किया गया। लेकिन आज तक आरोपियों को पकड़ा नहीं गया है। जिससे भय की स्थिति बनी हुई है, ऐसे में प्रशासन तत्काल आरोपियों को पकड़ने के साथ शासकीय जमीन से अतिक्रमण भी हटवाएं। ज्ञापन देते समय ग्रामीण सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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