शहर में पहले कोराेना संक्रमण व लॉकडाउन के कारण निर्माण कार्य रुक गए थे, लॉकडाउन के बाद मानसून सीजन शुरू होने से जो कार्य शुरू हुए थे, वह भी बंद हो गए थे। मानसून खत्म होते ही 16 अक्टूबर से इन्हे शुरू होना था, लेकिन एक भी कार्य शुरू नहीं हा़े पाया। क्योंकि मानसून खत्म होते ही त्योहार शुरू हो गए, ऐसे में श्रमिक नहीं मिल रहे है। अधिकारियों व ठेकेदारों का कहना है कि सभी निर्माण कार्य दीपावली बाद ही शुरू हो पाएंगे।
सामान्यत: मानसून खत्म होते ही सड़क निर्माण सहित अन्य रुके हुए निर्माण कार्य प्रारंभ होते है। क्योंकि बारिश के कारण कई कार्यों की गुणवत्ता पर फर्क पड़ता है। विशेषकर डामरीकृत सड़क के कार्यों पर असर पड़ता है। ऐसे में 15 जून से 15 अक्टूबर तक निर्माण कार्यों पर रोक रहती है। हर साल मानसून खत्म होते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाते है, ताकि नवरात्रि तक अधिकांश जरूरी निर्माण कार्य पूर्ण हो जाए। इस साल अधिकमास होने के कारण सभी त्योहारों का समय बदल गया है। मानसून खत्म होते ही नपा नीमच द्वारा शहर में सड़क निर्माण कार्य शुरू करवाना था।
कलेक्टर ने भी मानसून खत्म होने के पहले अगस्त में नपा के निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक में दीपावली के पहले जनता की सुविधा व शहर विकास से जुड़े आवश्यक निर्माण पूर्ण करने के निर्देश दिए थे। नपा ने भी प्राथमिकता के साथ मूलचंद मार्ग, तिलक मार्ग, बाबा शहाबुद्दीन दरगाह रोड, स्टेशन रोड सहित 25 से ज्यादा डामरीकृत व सीसी सड़क के साथ अन्य निर्माण कार्य शुरू करवाने की तैयारी कर ली थी। इसके लिए ठेकेदारों काे भी निर्देश दिए थे। पुराना हाट मैदान में दुकानों के रुके निर्माण ने गति पकड़ने के साथ पीछे की तरफ भी दुकानों का निर्माण शुरू हो गया था।
बाबा शहाबुद्दीन रोड सहित तीन सड़कों पर डामरीकरण की तैयारी थी, लेकिन निर्माण श्रमिकों की कमी के कारण कार्य शुरू नहीं हुए। पहले काम नहीं मिलने के कारण निर्माण श्रमिक भी खेतों में सोयाबीन कटाई व अन्य कार्य में लगे थे। जो नवरात्रि शुरू होने के पहले अपने गांव जाने लगे। जिससे ठेकेदारों को पर्याप्त निर्माण श्रमिक नहीं मिल पा रहे है। ठेकेदारों का कहना है कि श्रमिक तो है, लेकिन कार्य के अनुरूप जितने श्रमिक चाहिए उतने नहीं है। इसलिए काम कैसे शुरू करें। क्योंकि नवरात्रि बाद तो जो श्रमिक बचे है वे भी अपने गांव त्योहार मनाने चले जाएंगे। इन दिनों निजी भवन सहित अन्य निर्माण कार्य चल रहे है। जहां ज्यादा मजदूरी मिलने के कारण भी श्रमिक निजी क्षेत्र में कार्य करना ज्यादा पसंद करते है।
दोनों सड़कों का काम अधूरा पड़ा, डामरीकरण हो तो धूल-मिट्टी-गिट्टी से रहवासी को मिले राहत
शहर में सबसे ज्यादा खराब स्थिति मूलचंद मार्ग की है। इस मार्ग से प्रतिदिन बड़ी संख्या में वाहनों के साथ राहगीरों का आवागमन होता है। रहवासी भी धूल, मिट्टी व गिट्टी से परेशान है। यहीं स्थित बाबा शहाबुद्दीन दरगाह रोड का है। दोनों की सड़कों का काम अधूरा पड़ा है। जबकि शहर के सबसे व्यस्त व व्यावसायिक क्षेत्र बारादरी से नयाबाजार, घंटाघर क्षेत्र, तिलक मार्ग, जाजू बिल्डिंग तक करीब सवा किमी सड़क खराब हो रही है। यहां 80 फीसदी से ज्यादा डामरीकरण कार्य होना है।
श्रमिक नहीं मिल रहे
श्रमिकों की कमी के कारण कार्य शुरू नहीं हो पाए है। त्योहार शुरू होने से भी परेशानी बड़ी है, अब निर्माण कार्य दीपावली बाद ही शुरू हो पाएंगे।
अंबालाल मेघवाल, उपयंत्री नपा नीमच
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