मप्र वाणिज्यिक कर विभाग की समाधान योजना से दो माह में प्रदेश के 16 हजार 500 करदाताओं को 409 करोड़ की राहत मिल गई है। इस योजना में विभाग और करदाता के बीच चल रहे विवादों में करदाता टैक्स राशि का मात्र 50 फीसदी भरकर केस खत्म कर सकता है।
26 सितंबर से शुरू हुई इस योजना के पहले चरण के 60 दिन में 16500 करदाताओं के मामलों का निराकरण हो गया है। मूल रूप से इन करदाताओं पर 524 करोड़ की टैक्स डिमांड थी, लेकिन योजना के तहत महज 115 करोड़ राशि भरकर पुरानी टैक्स डिमांड खत्म हो गई। इस तरह करदाताओं को लाभ हुआ, वहीं शासन के खाते में भी 115 करोड़ की राशि जमा हो गई। ऐसा पहली बार हुआ है कि जब विभाग को इस तरह की योजना में सौ करोड़ से ज्यादा राशि मिली है।
इसके पहले विभाग ने इसी तरह पुराने मामले खत्म करने के लिए 2000 में योजना शुरू की थी, तब 22 करोड़ 66 लाख रुपए जमा हुए थे। वाणिज्यिक कर आयुक्त राघवेंद्र सिंह ने बताया कि इस योजना का दूसरा चरण शुरू हो गया है, इसमें करदाता 23 जनवरी तक आवेदन कर सकता है।
तीन लाख मैसेज भेजे, डेढ़ सौ सेमिनार किए- योजना के लिए करदाताओं को तीन लाख संदेश भेजे गए हैं। योजना की जानकारी देने के लिए 145 सेमिनार किए गए हैं। इस योजना के तहत इंदौर डिवीजन 3 अभी तक सबसे आगे रहा है, यहां 42 करोड़ की राशि जमा हुई है। इंदौर के सभी डिवीजन से करीब 80 करोड़ की राशि जमा हुई है।
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