औद्योगिक विकास व रोजगार के लिए इंदौर रीजन में पांच बड़े औद्योगिक क्लस्टर स्थापित किए जाएंगे। इसमें कन्फेक्शनरी, फाॅर्मा, खिलौना, फूड प्रोसेसिंग एवं फर्नीचर क्लस्टर शामिल है। इन क्लस्टरों को स्थापित करने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं और भूमि चयन का कार्य प्रारंभ हो गया है। यह जानकारी शनिवार को विविध औद्योगिक संगठनों के साथ बैठक में प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने दी। उन्होंने सभी संबंधित औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों से कहा कि वे जिले में उपलब्ध भूमि के आधार पर अपनी उपयुक्तता के मान से भूमि का चयन कर लें। शीघ्र काम शुरू करें। राज्य शासन द्वारा मदद की जाएगी।
सखलेचा ने औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों से कहा कि वे मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास में सहभागी बने। क्लस्टर में अधिक से अधिक निवेश करें। जरूरतमंदों को रोजगार उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि 10 क्लस्टर जिनमें फाॅर्मा, रेडीमेड गारमेंट, नमकीन कनफेक्शनरी टेक्सटाइल, फर्नीचर, खिलौना, फूड प्रोसेसिंग, प्लास्टिक ऑटोमोबाइल एवं बॉडी बिल्डिंग आदि के विकास करीब 650 एकड़ भूमि पर किया जाएगा। जिसमें करीब 685 करोड़ की पूंजी का निवेश होगा। इनमें साढ़े 400 के करीब स्थापित होने वाली इकाइयों में करीब 55 हजार बेरोजगारों को रोजगार मिल सकेगा।
प्रदेश में एमएसएमई टूल रूम का होगा विस्तार, आठ जिलों में बनाए जाएंगे नये सेंटर
सखलेचा ने बताया कि प्रदेश में युवाओं को रोजगार के लिए एमएसएमई टूल रूम (इंडो जर्मन टूल रूम) का विस्तार होगा। इंदौर के अलावा प्रदेश के 8 जिलों में नए सेंटर बनाए जाएंगे। इसमें खरगोन, सागर, नीमच, सतना, ग्वालियर, सिंगरोली, छिंदवाड़ा और शहडोल के सेंटर शामिल होंगे। इसकी कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। इसके लिए केंद्र सरकार प्रत्येक सेंटर में मशीनरी और उपकरणों के लिए 20-20 करोड़ रुपए का अनुदान दे रही है।
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