कोरोना काल में अक्टूबर का महीना राहतभरा रहा है। इस महीने 434 पॉजिटिव सामने आए हैं, सितंबर के मान से देखे तो ये आंकड़ा बढ़ा नहीं है, क्योंकि सितंबर में 897 पॉजिटिव मरीज सामने आए थे। आंकड़ों के इस फेर में आप बेफिक्र मत हो जाना... क्योंकि, अब कोरोना की दूसरी लहर आने की आशंका भी बनी हुई है।
हमारे जिले में कुल पॉजिटिव की संख्या 2286 पर पहुंच गई है। अक्टूबर के महीने में कोरोना धीमी चाल से आगे बढ़ा है, दो दिन तो ऐसा मौका भी आया जब 5-5 मरीज ही सामने आए। जबकि, सितंबर के महीने में कोरोना की रफ्तार बेकाबू हो चुकी थी, कई बार 50 से ज्यादा मामले भी सामने आए थे। इधर, कोरोना के कम केस मिलने से आमजन भी बेफिक्र नजर आ रहे है। एक्सपर्टों के मुताबिक अभी कोरोना का डाउन ट्रेंड चल रहा है, जोकि देशभर में एक सा ही है। हालांकि, दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है।
ऐसी स्थिति से बचें... समय रहते पहुंच जाएं फीवर क्लिनिक
जिले में इस महीने भले ही कोरोना पॉजिटिव केस कम सामने आए है, लेकिन कोरोना से मौत के आंकड़े सितंबर महीने के बराबर ही है। कोरोना से 19 लोग दम तोड़ चुके हैं, कुल 58 लोगों की मौत हो चुकी है। इधर, 60 प्रतिशत से ज्यादा मौत के ऐसे मामले हैं, जिनमें मरीज की मेडिकल कॉलेज पहुंचने के 24-48 घंटे के बीच ही मौत हो गई। ज्यादातर मरीज बुजुर्ग है जो कि, शुगर, हाइपरटेंशन, हार्ट की बीमारी से जुड़े हैं।
रिकवरी रेट ने दी राहत, 90% से ज्यादा पहुंचा
कोरोना काल में रिकवरी रेट ने भी अक्टूबर में राहत दी। मई के बाद ऐसा हुआ, जब रिकवरी रेट 90% से ज्यादा पहुंचा। सितंबर के महीने में रिकवरी रेट 70 से 80 प्रतिशत के बीच रहा था।
त्योहार... बाजार जाएं, लेकिन सावधानी से
कोरोना काल में नवंबर का महीना अहम है, इस महीने साल का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली है, इसमें सबसे ज्यादा मेल-जोल होता है।
बाजार में भीड़ बढ़ना शुरू हो चुकी है, त्योहार करीब आते ही और बढ़ेगी, आप मास्क पहनना, सैनिटाइजेशन करना ना भूलें।
ठंड आ चुकी है, नवंबर में तापमान में और कमी होगी। सर्दी-खांसी के मरीज बढ़ेंगे।
बुजुर्गों को ज्यादा सावधान रहना होगा, घरों से बाहर ना निकले तो बेहतर है।
^कोरोना की दूसरी लहर आने की आशंका बनी हुई है। ये कब आएगा पता नहीं, लेकिन सभी को सतर्क रहना होगा। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन को ना भूलें।
डॉ. प्रमोद प्रजापति, नोडल अधिकारी, कोविड-19
^ज्यादातर मौत ऐसे बुजुर्गों की हो रही है, जिन्हें अन्य बीमारियां भी है। ऐसे लोगाें को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। लोग डॉक्टर के पास पहुंचने में देरी कर रहे हैं, ऐसी गलती ना करें। तत्काल फीवर क्लिनिक पहुंचे।
डॉ. शशि गांधी, डीन, मेडिकल कॉलेज, रतलाम
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