रुक्मिणी विवाह कथा भगवान द्वारा हरण करने की कला नहीं अपितु आत्मा और परमात्मा के एकाकार होने की कला है। लोग खुद को शरीर मानते हैं और शरीर से जुड़े सांसारिक सुख, सुविधाएं चाहते हैं। जबकि शरीर नश्वर है और आत्मा अमर। वास्तव में हम सभी केवल शरीर नहीं बल्कि आत्मा है और आत्मा से परमात्मा का मिलन करवाने के लिए ही यह शरीर हमें मिला है। इसलिए हमें प्रभु भक्ति का मार्ग अपनाना होगा। भक्ति करते हुए भगवान में आनंद की खोज करें।
यह बात पंडित हेमंत व्यास ने नेमीनाथ विहार कॉलोनी (विरियाखेड़ी) स्थित महादेव मंदिर परिसर में भागवत के विश्राम में कही। कार्तिक मास के पावन अवसर पर भागवत कथा के साथ ही पांच दिनी श्री नमर्देश्वर शिव पंचायत मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा, शिवशक्ति महायज्ञ का आयोजन हो रहा है। सोमवार सुबह 7 बजे से मंदिर में शिव परिवार की प्राण-प्रतिष्ठा व यज्ञ की पूर्णाहुति नीलकंठ धाम घटवास के पंडित दिनेश व्यास, वृन्दावन के संत आनंद गुरुजी, के सान्निध्य में होगी। यज्ञाचार्य पंडित राजेश शर्मा जावरा, पंडित जगदीश शर्मा मंदसौर, पंडित दीपक शर्मा मलवासा, पंडित शिवम दुबे, पंडित सोनू गुरु, पंडित मोहित जोशी, पंडित आशुतोष के सान्निध्य में यजमान विजय व उनकी पत्नी हिरल शर्मा, मदनमोहन शर्मा, रमेश सिंधी, सोमेश्वर देवड़ा, आनंदीलाल पाटीदार, चरण सिंह सिसोदिया द्वारा यज्ञ में आहुतियां दी गईं।
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