शहर के जनरल्स राेड से सटे महू किले के दक्षिण के सैन्य क्षेत्र में स्थित झील विभिन्न प्रकार के सुंदर पक्षियाें के कलरव से चहचहा रही है। हरी-भरी घास, झाड़ीदार इलाके, ऊंचे वृक्षों और निर्मल जल के बीच रंग-बिरंगे देश-विदेश के पक्षी अपने सुकून के पल बिता रहे हैं। तालाब के बीच में कमल के फूल भी खिल रहे हैं। उनके बीच में अठखेलियां करते पक्षियाें का नजारा अत्यन्त रमणीय और आकर्षक हो गया है।
करीब 12 प्रजातियों को तो यहां पहली बार देखा गया
तालाब के साथ हरे-भरे इस क्षेत्र में ब्रिगेडियर अरविंद यादव, देव कुमार वासुदेवन और सेवानिवृत्त ले. कर्नल बाला ने अब तक पक्षियों की 150 प्रजाति, तितलियाें की 70 प्रजाति व ड्रेगनफ्लाय की 20 से अधिक प्रजातियां अपने कैमरे में कैद की है। इस झील पर इससे पहले पक्षियाें की इतनी प्रजातियां यहां नहीं कैद की गई है। करीब 12 प्रजातियां तो यहां पहली बार देखी गई हैं।
यह इलाका सबसे ज्यादा फेजंट टेल्ड जकाना (पिहू), काॅटन पिग्मी गूज़, लेसर विसलिंग डक्स जैसी प्रजातियों का पसंदीदा ठिकाना बन चुका है। इसके अलावा यह इंदाैर जिले की पहली ऐसी जगह है जहां पर पिन टेल्ड स्नाइप, ग्रेटर पेंटेड स्नाइप व रूड्डी ब्रिस्टेड क्रेक एक साथ देखे गए हैं।
(यह फाेटाे व कंटेंट आर्मी वाॅर काॅलेज के ब्रिगेडियर अरविंद यादव ने भास्कर संवाददाता प्रणय जैन से सांझा किए)
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