Thursday, December 31, 2020

चिटफंड कंपनी में धन दाेगुना के लालच में पैसा जमा करने वालाें काे जल्द मिलेगी राशि, संपत्तियाें की 29 जनवरी काे हाेगी नीलामी

ग्राम के भाेलेभाले लाेगाें काे धन दाेगुना करने का लालच देकर लाखाें रुपए हड़पने वाली चिटफंड कंपनियाें की संपत्तियाें की 29 जनवरी काे देवास कलेक्टाेरेट में नीलामी की जाएगी। संपत्ति नीलामी के लिए अभिकर्ताओं ने पूर्व में कई बार कलेक्टाेरेट में आवेदन देकर गुहार लगाई थी कि जल्द संपत्ति की नीलामी की जाए, जिससे की हम लाेगाें काे पैसा लाैटा सकें। लगातार गुहार लगाने के बाद अब चिटफंड कंपनियाें की संपत्तियां नीलाम हाेगी।

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी चंद्रमौली शुक्ला ने मप्र निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम के तहत चिटफंड कंपनियों की संपत्तियों को नीलाम करने के आदेश जारी किए हैं। संपत्तियों की नीलामी 29 जनवरी 2021 को दोपहर 2 बजे कार्यालय कलेक्टर में की जाएगी। कलेक्टर ने बताया, इच्छुक बोलीदारों को अपनी बोली की रकम सीलबंद लिफाफे में कार्यालय कलेक्टर में 27 जनवरी तक प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। बिना कारण दर्शाए विक्रय निरस्त करने अथवा किसी भी नीलामी बोली को स्वीकार-अस्वीकार करने या आगे बढ़ाने का अधिकार सुरक्षित है।

इन भूमियों की हाेगी नीलामी
कन्नाैद तहसील के ग्राम किलोदा, थूरिया, बामनीखुर्द, गादिया, अंबाड़ा, जामुनिया, बहिरावद, खातेगांव तहसील के ग्राम गुलगांव, लकड़ानी, टाेंकखुर्द तहसील के ग्राम टोंककलां, नावदा के चार स्थानों की संपत्तियां नीलाम की जाएगी। संपत्तियों की नीलामी वर्तमान गाइड-लाइन अनुसार (ऑफसेट कीमत) पर होगी।

जारी आदेशानुसार मप्र निक्षेपकों के हितों के संरक्षण अधिनियम 2000 के तहत चिटफंड कंपनियां मालवांचल इंडिया लिमिटेड, मालवांचल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रालि, मालवांचल प्रोपर्टीज प्रालि, मालवांचल साख सहकारी संस्था व यूएसके इंडिया लिमिटेड की संपत्तियों को 4 अक्टूबर 2016 काे कुर्क की गई थी। विशेष न्यायालय देवास के द्वारा अपने आदेश 13 दिसंबर 2016 के द्वारा पुष्ट किया जाकर अंतिम किया है।

नीलामी के नियम व शर्ते- कलेक्टर ने बताया, जिनमें समस्त संपत्तियों का विक्रय जहां, जैसी है और जो है वो आधार पर मप्र निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 की धारा 8 के तहत किया जाएगा। वर्तमान गाइड-लाइन मूल्य के 10 फीसदी के बराबर राशि बयाने के रूप में बैंक का डिमांड ड्राफ्ट, कलेक्टर जिला देवास के नाम से देय प्रतिभूति के रूप में संलग्न करना होगा। बगैर डिमांड ड्राफ्ट के बोली मान्य नहीं की जाएगी। उच्चतम बोलीकर्ता की रकम का 25 प्रतिशत अधोहस्ताक्षरकर्ता अथवा संबंधित बैंक शाखा को तुरंत बैंक डीडी द्वारा जमा करवाना होगा एवं शेष 75 प्रतिशत राशि का भुगतान 30 दिन में करना होगा। खरीदी गई संपत्ति की स्टाॅम्प डयूटी, रजिस्ट्री, सभी बकाया कर का भुगतान क्रेता काे करना हाेगा।



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