नगर निगम और स्मार्ट सिटी ने सिर्फ तीन प्रोजेक्ट से 1.70 लाख टन कार्बन वातावरण में मिलने से रोककर 1.70 लाख कार्बन क्रेडिट दो साल में कमाए हैं।
इसी को जर्मनी की कंपनी ने 69 लाख रुपए प्रति साल की दर से 30 साल के लिए खरीदा है। मतलब इंदौर को कम से कम इतनी आमदनी हर साल होती रहेगी। कार्बन क्रेडिट सिर्फ निगम ही नहीं, बल्कि कार्बन उत्सर्जन रोकने वाले किसी भी प्रोजेक्ट को मिल सकता है। निगम कचरा प्रबंधन की ही तरह कार्बन क्रेडिट की भी कंसल्टेंसी करने जा रहा है। इसके लिए यह न सिर्फ दूसरी स्मार्ट सिटी को कंसल्टेंसी देगा, बल्कि इंदौर के विभिन्न प्रोजेक्ट्स को पैकेज बनाकर अंतरराष्ट्रीय मार्केट में बेचेगा।
अंतरराष्ट्रीय बाजार : हर दिन ऊपर-नीचे होते हैं भाव
कार्बन क्रेडिट की कीमत सोने-चांदी के भाव की तरह ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिदिन नीचे-ऊपर होती है। इंदौर ने कार्बन क्रेडिट 0.5 यूएस डॉलर की दर से बेचे, जबकि पीक सीजन में यह दर 1.5 यूएस डॉलर तक जाती है। मार्केट ऊपर होने पर ज्यादा आमदनी भी हो सकती है। तब एक कार्बन क्रेडिट की दर 120 रुपए तक हो जाएगी।
तैयारी : एक घर की भी हो सकती है सालाना आमदनी
सीईओ अदिति गर्ग ने बताया स्मार्ट सिटी ने प्राइवेट प्रॉपर्टी पर लगाए जा रहे एनर्जी सेविंग प्रोजेक्ट को भी कार्बन क्रेडिट से आमदनी दिलाने का प्रोजेक्ट तैयार किया है। पहले चरण में पांच उद्योगों को चयन कर लिया है। इन फैक्टरियोंं ने बड़े सोलर प्रोजेक्ट्स लगा रखे हैं। इससे हजारों टन कार्बन उत्सर्जन रोका जाता है। इस आधार पर प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय मार्केट में बेचने के लिए कंसल्टेंसी दी जाएगी।
प्रोजेक्ट कार्बन क्रेडिट
बायोमिथेनाइजेशन 210 क्रेडिट (टन प्रतिदिन)
कंपोस्ट बनाना 215 क्रेडिट (टन प्रतिदिन)
मेट्रो ट्रांसपोर्ट रूट के मुताबिक
जंगल तैयार करना 30 क्रेडिट प्रति हेक्टेयर
इलेक्ट्रिक वाहन किमी के हिसाब से
एलईडी 9 वॉट पर 0.13 क्रेडिट
पावर प्रोजेक्ट 2051 क्रेडिट प्रति मेगावॉट
सोलर वाटर हीटर 0.4 मीटर प्रति वर्गमीटर
सोलर रूफ टॉप 1600 क्रेडिट
40 देशों में कार्बन क्रेडिट के लिए कंसल्टेंसी कर रहे ईकेआई एनर्जी के मनीष डबकरा ने बताया इंदौर के कई घरों में सोलर पैनल, वाटर हीटर सहित अन्य एनर्जी सेविंग प्रोजेक्ट लगे हैं। ऐसे में सभी को कॉलोनी के स्तर पर क्लब कर प्रोजेक्ट के रूप में कार्बन क्रेडिट स्कीम में शामिल किया जा सकता है।
1. कार्बन क्रेडिट के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होता है।
2. रेगुलेटरी अथॉरिटी द्वारा वेरिफिकेशन किया जाता है।
3. कार्बन क्रेडिट की संख्या के हिसाब से सर्टिफिकेट मिलता है।
4. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेचा जाता है।
सभी स्मार्ट सिटी को देंगे फाइनेंशियल एडवाइस
निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने बताया इंदौर शहर कार्बन क्रेडिट बेचकर आमदनी ले चुका है। अब दूसरी स्मार्ट सिटी को अपने यहां के प्रोजेक्ट्स अंतरराष्ट्रीय मार्केट में बेचने के लिए सलाह देंगे।
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