स्लाटर हाउस से निकल रहे अपशिष्ट से बायो मीथेन गैस बनने लगी है। इसके साथ ही क्षेत्र में दुर्गंध की समस्या भी कम हो रही है। 15 दिन में यह क्षेत्र दुर्गंध मुक्त हो जाएगा। मीथेन गैस सप्लाई करने से पहले भट्टी जलाकर इसका परीक्षण किया जा रहा है। एक सप्ताह से प्रतिदिन एक से डेढ़ घंटे तक गिट्टी से बनाई भट्टी में मीथेन गैस को जलाया जा रहा है।
शुरुआत में गैस की मात्रा सीमित रहती है। डाले जा रहे अपशिष्ट में बैक्टेरिया की संख्या बढ़ने पर गैस की मात्रा भी बढ़ेगी। यह गैस आसपास के लोगों के घरों तक पाइप लाइन से सप्लाई की जाएगी। फिलहाल चार-पांच घरों तक पाइप लाइन बिछाई गई है। आने वाले समय में गैस की मात्रा बढ़ने पर 20 से 22 घरों तक बायोगैस लाइन बिछाकर कनेक्शन किए जाएंगे। आसपास रह रहे लोगों को रोज सुबह 2 घंटे, दोपहर में 1 घंटा और शाम को 1 घंटा गैस की सप्लाई की जाएगी।
ले रहे हैं ट्रायल, गैस की मात्रा बढ़ने पर करेंगे सप्लाई
बायो मीथेन गैस प्लांट करीब 90 क्यूबिक मीटर का है। इसमें बनाई जा रही गैस का ट्रायल कर रहे बायोगैस एक्सपर्ट विजय कुमार ने बताया शुरुआत में मीथेन के साथ ही अन्य गैसें भी निकलती हैं। इससे गैस जलने में थोड़ी समस्या आती है। इसलिए भट्टी जलाकर ट्रायल ले रहे हैं। एक सप्ताह के ट्रायल के बाद गैस की मात्रा बढ़ेगी। इसमें गैस सतत बनती रहती है। अपशिष्ट खुले क्षेत्र की बजाए प्लांट में डालने के कारण क्षेत्र में हो रही दुर्गंध की समस्या भी खत्म हो जाएगी।
अपशिष्ट के साथ डाल रहे पानी
स्लाटर हाउस में प्रतिदिन 20 से 25 पशुओं से निकलने वाला अपशिष्ट बायोगैस के टैंक में डाला जा रहा है। स्लाटर हाउस से निकलने वाले पानी सहित अपशिष्ट नाली से होते हुए सीधे प्लांट में जा रहा है। इसमें रोज साढ़े 3 टन अपशिष्ट के साथ ही 2 टन पानी डाला जा रहा है।
बायो मीथेन गैस प्लांट तैयार हो गया है। इसका ट्रायल कर रहे हैं। बैक्टेरिया बढ़ने पर गैस की मात्रा बढेंगी। स्लाटर हाउस का सारा अपशिष्ट उसी में डाल रहे हैं। इससे दुर्गंध की समस्या खत्म हो जाएगी।
हिमांशु भट्ट, आयुक्त, नगर निगम
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3qeVcrV
No comments:
Post a Comment