भोपाल .आईएएस अधिकारियों के बाद मंगलवार को आईपीएस अधिकारियों की भी डीपीसी हो गई। इसमें 2002 बैच डीआईजी से आईजी के लिए और 2006 बैच के अधिकारी एसपी से डीआईजी पद के लिए प्रमोट होंगे। डीआईजी से आईजी के लिए 1999 बैच के अधिकारी निरंजन बी वायंगणकर का प्रमोशन फिर रुक गया। उनकी एसीआर को लेकर अड़चन है। तीन वर्षों की एसीआर मापदंडों के अनुरूप नहीं है।
बहरहाल, वायंगणकर को छोड़कर वर्ष 2002 बैच के पांच अधिकारियों की पदोन्नति होगी, इसमें अभय सिंह (वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई में पदस्थ), अनिल कुमार शर्मा, बीएस चौहान, अविनाश शर्मा व मनोज शर्मा शामिल हैं। इसी तरह 2006 बैच के आईपीएस अधिकारियों में रुचि वर्धन, अंशुमान सिंह, एमएल छारी समेत 17 आईपीएस अधिकारी शामिल हैं। इस बैच के 4 अधिकारी इस समय केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। 2007 बैच के आईपीएस अधिकारियों को भी डीपीसी में शामिल किया गया, उन्हें सलेक्शन ग्रेड मिलेगा।
सूत्रों के मुताबिक आईजी से एडीजी पद के लिए 1995 बैच के अधिकारियों के नामों पर डीपीसी में चर्चा प्रस्तावित थी। इस बैच में ए साईं मनोहर और चंचल शेखर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। मीनाक्षी शर्मा, जयदीप प्रसाद, योगेश देशमुख और केपी वैंकटेश्वर राव मप्र में हैं, लेकिन इस बैच की डीपीसी नहीं हुई। सूत्रों का कहना है कि पूर्व में एक कैबिनेट बैठक में इस बात पर विचार हुआ था, जिसमें यह सामने आया था कि पद से अधिक संख्या में एडीजी हैं। कुल 26 पोस्ट की तुलना में 55 एडीजी हैं। वैकेंसी नहीं है, इसीलिए आईजी से एडीजी पद पर प्रमोशन का मामला रोक दिया गया।
दो पोस्ट के लिए हुआ नामों पर विचार
1988 बैच के अधिकारियों का एडीजी से स्पेशल डीजी में प्रमोशन होना था। इसमें दो पोस्ट के लिए नामों पर विचार हुआ। अरविंद कुमार और आरके टंडन पर सहमति बन गई है। पद रिक्त होेने पर वे स्पेशल डीजी बनेंगे।
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