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शिवपुरी.शहर के रहने वालेसमीर अली कुर्रेशी ने भास्कर को बताया कि उनकेपिता (अय्यूब) दिल के मरीज हैं, ऑपरेशन से पहले हैदराबाद में एक यूनानी डॉक्टर से दवा लेने गए थे। ताकि ऑपरेशन से बचा जा सके। 13 मार्च को संपर्क क्रांति ट्रेन से रिजर्वेशन कराकर पिता के साथ हैदराबाद रवाना हो गया। मेरा रिजर्वेशन (बोगी) एस-8 और पिता का एस-9 में था। एक यात्री से आग्रह करके पिता को भी अपनी बोगी में बुला लिया। बोगी में हमारे साथ 11 इंडोनेशियन भी सवार थे, जो 14 मार्च को हैदराबाद से पहले एक स्टेशन पर उतरे। हम दोनों खनियांधाना आ गए।
हैदराबाद से स्वास्थ्य विभाग के 16 व 17 मार्च को फोन आने लगे। पूछते रहे कि तुम्हारी सेहत ठीक है या नहीं। तब तक मैं ठीक था। रिजर्वेशन डेटा से मेरा मोबाइल नंबर मिला होगा। मुझे संदेह हुआ तो 18 मार्च को फोन लगाकर पूछा, तब पता चला कि डिब्बे में सवार 7 इंडोनेशियन कोरोना पॉजीटिव निकले हैं। मैंने खुद को परिवार से को 19-20 मार्च तक अलग रखा। 21-22 मार्च को तबियत खराब हुई तो मेडिकल से दवा मंगाकर खा ली। बीएमओ से मिला तो मुझसे कहा कि आपको 14 दिन आइसोलेशन में ही रहना होगा। फिर अचानक तेज बुखार, सर्दी, बिना बलगम की खांसी होने लगी। शरीर में कमजोरी मेहसूस की तो फेसबुक पर वीडियो वायरल कर दिया। 24 तारीख को मुझे एंबूलेंस से जिला अस्पताल लाए। मेरी रिपोर्ट पाॅजीटिव आई। लेकिन इतना होेने के बाद भी मैं घबराया नहीं। आप लोगों से मैं कहना चाहता हूं कि आप भी धैर्य से काम लें। बीमारी के लक्षण हैं तो छिपाएं नहीं।
दुबई में मिली यह बीमारी, शक हुआ तो घर में ही दूरी बनाकर तोड़ी चेन, इसलिए परिजन सुरक्षित
शहर के रहने वाले दीपक शर्माने बताया कि दुबई से फ्लाइट में बैठा और 18 मार्च की सुबह 4 बजे दिल्ली पहुंचा। टुकड़ों में सफर करके शिवपुरी रात 9 बजे पहुंचा। 18 मार्च को गले में हल्की खराश की शिकायत हुई।डॉ सिरोठिया को दिखाया और जिला अस्पताल में सूचना दी। दवा लेने से दो दिन आराम हो गया। इस दौरान घर पर माता-पिता और बहन से खुद को दूर रखा। इसके बाद फिर से 20 मार्च को शिकायत हुई तो स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी। 21 मार्च काे मुझे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर सैंपल लिया, लेकिन बातचीत होने के बाद मैं घर चला गया। रिपोर्ट आने तक मैंने परिवार वालों से दूरी बनाकर रखी। मां कहती थी कि तुझे तो कुछ भी नहीं हुआ है, फिर दूर-दूर क्यों रहता है। पूरे समय ऐहतियात बरतता रहा, लेकिन 24 मार्च को रिपोर्ट कोरोना बार्डर लाइन पॉजीटिव निकला। स्वास्थ्य विभाग की टीम आई और मुझे एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले आई। तभी से यहां भर्ती हूं। फिलहाल मेरी सेहत ठीक है। किसी तरह की समस्या नहीं है। शनिवार को मेरा फिर से सैंपल लिया है। उम्मीद है कि रिपोर्ट निगेटिव आएगी और मैं जल्द घर लौट जाऊंगा। क्योंकि 12 फरवरी को दुबई में इसी तरह की शिकायत हुई थी। मेरे साथ ऐसा 15 से 20 साल से होता आ रहा है। मेरी जिंदगी में यह कभी ना भूलने वाला पल बन गया है।
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