कोरोना वायरस के मद्देनजर दूसरे राज्य में फंसे लोगाें को घर लौटने की चिंता सता रही है। वहीं परिवार से दूर रहकर गुरव समाज के एक परिवार के तीन बेटे कोरोना योद्धा बनकर सेवाएं दे रहे हैं। डॉ. निखिल चोलकर पानसेमल के सरकारी अस्पताल में, ज्ञानदीप चोलकर जिला अस्पताल में फार्मासिस्ट व डॉ. दर्शन चोलकर आयुष चिकित्सा अधिकारी के रूप में ग्राम पाटी में सेवाएं दे रहे हैं। उनकी पत्नी लॉकडाउन के कारण मायके से नहीं आ पाई है। इस कारण वे 2 महीने से बच्चों व पत्नी से नहीं मिले है।
मनोरंजन नगर निवासी डॉ. चोलकर आयुष चिकित्सा अधिकारी के पद पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत है। स्वास्थ्य परीक्षण के लिए जनपद पंचायत पाटी के गांवों में सेवाएं दे रहे हैं। अन्य राज्यों से आए परिवारों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए कंट्रोल रूम से फोन आने पर इन्हें जाना होता है। ग्राम पंचायत स्तरीय निगरानी दल में रहकर वे मरीजों की स्क्रीनिंग कर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे है। उनकी पत्नी हर्षाली चोलकर व 16 माह के जुड़वा बच्चे बेटी निक्की और बेटा निक्कू बड़वानी से दूर हरदा जिले में मायके में रह रही है। लॉकडाउन के कारण वे हरदा मायके से नहीं आ पाई। वीडियो कॉलिंग से पत्नी और बच्चों को देखकर डॉ. चोलकर खुश हो जाते हैं। पत्नी से मोबाइल पर बात कर जानकारी लेते हैं। उन्होंने बताया बच्चों की याद तो बहुत आती है लेकिन इस जिम्मेदारी में उन्हें साथ रखना संभव नहीं है। वीडि़यो कॉलिंग कर मन को संतुष्ट कर लेते हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3cZG4XR
No comments:
Post a Comment