एबी रोड स्थित बिजासन सीमा पर बुधवार को भी महाराष्ट्र की ओर से दूसरे राज्यों के सैकड़ों लोग जमा हो गए। पुलिस ने लोगों को आने-जाने से रोका। सुबह के समय कुछ लोगों को मंदिर परिसर में बने शेड में रुकवाया गया था लेकिन वे कुछ घंटे बाद भाग गए। सीमा पर शाम को बड़ी संख्या में मजदूर जमा थे। जो पुलिस से आगे जाने की गुहार लगाते रहे।
महाराष्ट्र से लगातार मजदूर वर्ग के आने के कारण मंगलवार को लोगों को वापस भेजा गया था। इसके बावजूद बुधवार को भी बड़ी संख्या में लोग बिजासन स्थित सीमा पर एकत्रित हो गए। एसडीओपी टीएस बघेल ने कुछ लोगों को वापस महाराष्ट्र तरफ भेजा। बाकी को बिजासन मंदिर परिसर के टीनशेड में रुकवाया था लेकिन वे भाग गए। एसडीओपी बघेल ने कहा था शाम तक कलेक्टर आएंगे। उनके आने के बाद ही निर्णय होगा लेकिन शाम तक कलेक्टर नहीं आए।
सफर अभी जारी : 1 माह में चले 2000 किमी
राजस्थान के विनोद (25) पिता सोरण दिव्यांग परिवार के साथ बैंगलुरू से राजस्थान जा रहे हैं। उन्होंने बताया परिवार के साथ बैंगलुरू गए थे। रेडीयम बेचने व मजदूरी का काम कर गुजारा करते थे। लॉकडाउन के दूसरे दिन निकले। विनोद को कभी जुगाड़ से बनी बेयरिंग वाली गाड़ी पर बैठाते हैं, जिसे परिवार के सदस्य खींचते हैं तो कभी साइकिल पर बैठा लेते हैं। एक माह में 2000 किमी चल चुके हैं। मंगलवार दोपहर 3 बजे बिजासन पहुंचे तो उन्हें रोक लिया। 19 घंटे बाद बुधवार सुबह 9.30 बजे छोड़ा।
जाने की मजबूरी... पहाड़ी मार्ग से निकले साइकिल सवार
बिजासन घाट पर मप्र की सीमा में प्रवेश से रोके जाने पर लोग पहाड़ी रास्ते से प्रवेश कर रहे हैं। बिजासन घाट पर साइकिल सवार निरंजन ने बताया महाराष्ट्र के उल्ल्हास नगर से उत्तर प्रदेश के बरेली जा रहे हैं। परिवहन के साधन नहीं मिलने से 12 लोग साइकिल खरीद कर घर के लिए निकले। बिजासन में पुलिस नहीं जाने दे रही है। इसलिए पहाड़ी रास्ते से निकले। पहाड़ी रास्ते पर साइकिल को कंधे पर उठाना पड़ा।
आश्वासन, फिर भी नहीं रुके
एसडीओपी बघेल के आश्वासन के बाद कुछ लोग मंदिर के शेड में रुके रहे लेकिन सब्र जवाब दे गया। पुलिसबल कम होने के कारण शाम 4 बजे से कई लोग आगे की और निकल गए।
लोग रुकना नहीं चाहते
महाराष्ट्र से आने वाले लोगों को आगे जाने से रोका जा रहा है। बिजासन मंदिर में उनके रुकने और भोजन की व्यवस्था की गई है लेकिन कोई रुकना नहीं चाहता है।
घनश्याम धनगर, एसडीएम, सेंधवा
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