भाजपा सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार का एक और फैसला पलटने जा रही है। महापौर और नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों के बीच से कराने के कांग्रेस सरकार के फैसले को बदला जाएगा। जनता ही महापौर और पार्षदों को चुनेगी।
प्रदेश सरकार ने इसकी तैयारी कर ली है और मुख्यमंत्री नगरीय आवास एवं विकास विभाग के इस प्रारंभिक प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। अब कैबिनेट में यह संशोधन प्रस्ताव लाया जाएगा, जिस पर मंजूरी मिलने के बाद इसे विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में पेश किया जाएगा। यदि किसी वजह से सत्र में देरी हुई तो सरकार अध्यादेश का भी सहारा ले सकती है। उल्लेखनीय है कि मप्र में 1999 से महापौर का चुनाव सीधे जनता यानी प्रत्यक्ष प्रणाली से हो रहा था। पिछली कांग्रेस सरकार ने इसमें संशोधन कर अप्रत्यक्ष प्रणाली को मंजूरी दे दी थी।
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