दास्ताखेड़ी के कुछ ग्रामीण शनिवार को कलेक्टोरेट पहुंचे और गांव के कथावाचक गोविंद जाने पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया। ग्रामीण का कहना है कि सरकारी जमीन पर बनी एक ग्रामीण की झोपड़ी भी संबंधितो ने तुड़वा दी। ग्रामीणों ने अफसर को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की है।
इधर, पंडित विनोद नागर गोविंदजाने का कहना है कि हमें बदनाम करने के लिए कुछ लोगों द्वारा षड्यंत्र किया जा रहा है। इस भूमि पर 20 साल से भागवत कथा व बेटियों के नि:शुल्क विवाह आयोजित किए जा रहे हैं। जो लोग मीडिया के सामने खुद को दास्ताखेड़ी का निवासी बताकर मेरे ऊपर आरोप लगा रहे हैं वे दास्ताखेड़ी में निवास नहीं करते, कालीसिंध नदी से रेत निकालने के लिए ही यहां आते हैं। आपको स्थानीय लोगों से मिलकर वास्तविकता की परख करना चाहिए। पंडित गोविंद जाने ने कहा गरीबों को ढाल बनाकर कुछ लोग पर्दे के पीछे से अपने मंसूबों को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं।
दास्ताखेड़ी सरपंच रामेश्वर भिंड के मुताबिक यह भूमि राजस्व में आती है इसका ग्राम पंचायत से कोई सरोकार नहीं है। यह बात जरूर है कि इस भूमि पर करीब 20 साल से पं. गोविंद जाने की भागवत कथा व निशुल्क विवाह आयोजित किए जा रहे हैं।
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