Tuesday, September 29, 2020

कोरोना में 1 प्रतिशत से भी कम दान, खजराना में बचत खाते से चला खर्च तो रणजीत में तोड़ना पड़ी एफडी; 188 दिन बाद सराफा चौपाटी भी अनलॉक

(संजय गुप्ता) लॉकडाउन के साथ 24 मार्च को बंद हुए धर्मस्थलों के दरवाजे 188 दिन बाद आम भक्तों के लिए खोलने के आदेश हो गए हैं। कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा सोमवार को जारी आदेश में कहा गया है कि आमजन सोशल डिस्टेंसिंग के साथ, मास्क लगाकर दर्शन, प्रार्थना कर सकते हैं। सभी भक्तों, पुजारी के लिए अनिवार्य होगा कि वह मास्क ठीक से नाक के ऊपर लगाएं, गर्भगृह में प्रवेश नहीं होगा और एक दूरी बनाकर ही दर्शन कर सकेंगे।

धर्मस्थलों पर चलने वाले अन्न क्षेत्र भी शुरू होंगे लेकिन छह फीट की दूरी रखना जरूरी होगा। सैनेटाइजर भी रहेगा, हाथ धोना अनिवार्य रहेगा। खजराना गणेश मंदिर के पुजारी पं. अशोक भट्ट ने कहा धर्मस्थल खोलने का फैसला अच्छा है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए परिसर में गोले बने हैं। हाथ-पैर धोने के लिए वाॅश एरिया है।

सराफा चौपाटी- सराफा की रात्रिकालीन चौपाटी की खाद्य सामग्री टेक अवे की सुविधा रहेगी, यानि ग्राहक पैक कराकर ले जा सकेगा। यह चौपाटी सराफा बाजार बंद होने के बाद पूर्व समय अनुुसार खुल सकेगी। मौके पर किसी ग्राहक को खाने की मंजूरी नहीं होगी।

ऑनलाइन दान से मंदिरों में महज 15 से 20 हजार रुपए ही आ रहे थे
कोरोना के कारण 24 मार्च से बंद खजराना गणेश और रणजीत हनुमान मंदिर जैसे धर्मस्थल भी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। खजराना मंदिर में 25 लाख रुपए तो रणजीत हनुमान मंदिर में 7 लाख रुपए महीने तो पहले की तरह ही खर्च हो रहे, लेकिन दान घटकर 1 फीसदी से भी कम रह गया है। खजराना मंदिर के बचत खाते में सिर्फ 20 लाख रुपए बचे हैं। रणजीत हनुमान मंदिर में एक करोड़ रुपए की एफडी थी, जिसे तोड़कर 40 लाख रुपए खर्च कर चुके हैं।

ऑनलाइन दान से सिर्फ 15 से 20 हजार रुपए आ रहे हैं। इस राशि से दोनों ही मंदिरों में न्यूनतम मेंटेनेंस खर्च निकलना भी संभव नहीं। खजराना मंदिर हर माह ढाई लाख से ज्यादा और रणजीत हनुमान में 80 हजार भक्त आते हैं। रणजीत हनुमान के पास तो फिर भी एफडी में राशि है, जिससे 5 माह निकल जाएंगे, पर खजराना के पास ऑनलाइन दान ही विकल्प है।

खजराना मंदिर
10 लाख रुपए से अधिक का भुगतान हर महीने सिक्योरिटी एजेंसी बालाजी और सफाई कंपनी ह्यूमन मैट्रिक्स को होता है। ऑफिस स्टाफ, अन्न क्षेत्र के कर्मचारियों, मंदिर के पुजारियों के वेतन पर 6 लाख रुपए जाते हैं। 3 लाख रुपए बिजली बिल, बगीचे के रखरखाव सहित अन्य कामों पर खर्च होते हैं।

रणजीत हनुमान मंदिर
रणजीत हनुमान मंदिर के खर्च का बड़ा हिस्सा सफाई कंपनी ह्यूमन मैट्रिक्स के भुगतान में जाता है। इसके अलावा बिजली बिल, कर्मचारियों के वेतन का भुगतान भी हर माह 2 लाख के आसपास होता है। कोरोना काल में अन्न क्षेत्र बंद है, लेकिन उससे जुड़े कुछ खर्च चल रहे हैं।

धर्मस्थलों पर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोले बनाए, प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर की व्यवस्था रहेगी

  • रणजीत हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी दीपेश व्यास ने कहा वर्तमान में सभी मंदिरों में 6-6 फीट की दूरी पर पहले से ही गोले बनाए हैं और घंटियों को भी कपड़े से ढंककर रखा है।
  • शहर काजी डाॅ. मो. इशरत अली ने कहा मस्जिदों में सोशल डिस्टेंसिंग से नमाज अदा कर कोरोना से मुक्ति के लिए दुआएं मांगेंगे।
  • गुरुसिंघ सभा अध्यक्ष मनजीतसिंह भाटिया ने कहा इस माहौल में सबसे बड़ा सहारा भगवान ही हो सकते हैं। कोरोना की गाइड लाइन के अनुसार धर्मस्थलों का खुलना अच्छा फैसला है।
  • बिशप चाको के मुताबिक हमारे देश में सभी धर्मों के लोग रहते हैं और उनकी आस्था ईश्वर पर सर्वोपरि है। चर्च में भी छह-छह फीट के गोले बनाए जाएंगे, मास्क पहनना अनिवार्य किया जाएगा और प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर की व्यवस्था रखी जाएगी।


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मंदिरों में घंटी बजाने पर प्रतिबंध रहेगा। तस्वीर खजराना गणेश की।


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