जिले के सबसे बड़े तवा बांध में पर्याप्त पानी जमा हो गया है। इस सीजन में दो बार गेट भी खुल चुके हैं। बांध में पानी इतना हाे चुका है कि गेहूं, चना और फसल काे पानी हर साल की तरह दिया जाएगा।
वहीं मूंग की फसल काे भी जल उपयाेगिता समिति की बैठक में तय रकबा के अनुसार सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा। अब पानी की कमी नहीं रहेगी।
हालांकि अभी तवा बांध का जलस्तर 1163.30 फीट है। अभी 2.70 फीट पानी अाना बाकी है। बांध 1166 फीट तक भरा जाता है।
इस संबंध में तवा बांध परियाेजना के कार्यपालन यंत्री आईडी कुमरे के अनुसार में पानी पर्याप्त है। अाने वाले समय में सिंचाई के लिए जरूरत के मुताबिक किसानाें काे पानी दिया जाएगा। अभी बारिश का सीजन बाकी है। इससे जलस्तर में अभी बढ़ाेतरी हाेने का भी अनुमान है।
जिले में खेती का रकबा
जिले में सिंचाई का रकबा 3.30 लाख हेक्टेयर है। कृषि उप संचालक जितेंद्र सिंह ने बताया कि तवा बांध से होशंगाबाद में एक लाख 5 हजार हेक्टेयर में सिंचाई हाेती है।
अब यहां पानी मिलने में सहुलियत हाेगी। वहीं हरदा में करीब 60 हजार हेक्टेयर में तवा बांध के पानी से सिंचाई हाेती है।
पिपरिया : डोकरी खेड़ा डैम से इस बार किसानों को मिलेगा भरपूर पानी
बारिश शहर के पचमढ़ी रोड क्षेत्र के किसानों के लिए राहत भरी है। डोकरीखेड़ा डैम 91% भर चुका है और किसानों को पलेवा के साथ दो पानी मिल पाएगा।
पचमढ़ी रोड क्षेत्र के 2500 किसान फसल के लिए इसी डैम पर निर्भर है। तवा परियोजना के एसडीओ एसके रामावत ने बताया कि डोकरीखेड़ा बांध से 16 गांव के 2500 के आसपास किसान खेती के लिए पानी लेते हैं। इस क्षेत्र में ट्यूबवेल सक्सेस नहीं होने के कारण किसान मुख्य रूप से बांध के पानी पर ही निर्भर हैं। रामावत ने बताया कि डोकरीखेड़ा डैम की जलग्रहण क्षमता 12.64 एमसीएम है जिसे 27 फीट भी कहा जाता है।
30 अगस्त तक डैम 26 फीट यानी 11.53 एमसीएम भर चुका है। यह डैम की जल ग्रहण क्षमता का 91% हिस्सा है। उन्होंने बताया डैम 34 वर्ग किलोमीटर में फैला है जिससे 2672 हेक्टेयर जमीन में फसलों की सिंचाई होती है। डैम पूरी तरह से बरसाती पानी पर निर्भर है। इस वर्ष अच्छी बारिश के चलते डैम 91% भर चुका है।
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