काेराेना संक्रमण की वजह से इस बार दशहरे पर रावण के पुतलाें का स्वरूप बदला-बदला नजर आया। सिर्फ थाटीपुर में रावण के 14 फीट के पुतले का दहन किया गया, यहां पिछले साल तक 30 से 40 फीट लंबे पुतले काे जलाया जाता था। छत्री बाजार, दीनदयाल नगर और लोको पर पहले ही रावण दहन का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था। गली, मोहल्ले और कॉलोनियों में भी रावण के पुतले कम जलाए गए। लोको में रावण जलाने के स्थान पर नवदुर्गा के प्रसाद का वितरण किया गया।
यहां पर बच्चों को उपहार वितरण सोमवार को किया जाएगा। उधर, राज्यसभा सांसद ज्याेतिरादित्य सिंधिया ने भी आमखो स्थित मांढरे की माता के पास पार्क में शमी पूजन नहीं किया। कोरोना की वजह से उन्हाेंने देवघर में शस्त्र पूजन किया और फिर जयविलास पैलेस में चुनिंदा लाेगाें की माैजूदगी में शमी पूजन किया। यहां पर सिंधिया राजघराने के सरदार और पारिवारिक सदस्य उपस्थित रहे।
सिंधिया ने मास्क लगाकर की देवघर में पूजा

सिर्फ 30 कुर्सियां: थाटीपुर मैदान दशहरा उत्सव समिति ने इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से न सिर्फ रावण का कद घटाया बल्कि कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग के तहत लोगों को खड़ा करने के साथ अतिथियों और संगठन के पदाधिकारियों के सिर्फ 30 कुर्सियां रखीं। कार्यक्रम में भाजपा नेता देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर रामू, उत्सव समिति के अध्यक्ष दिनेश दीक्षित, नीलेश पंडित, शशिकांत शिवहरे मौजूद थे।
बच्चों को रामायण के पात्र बनाकर पौधे रोपे

दीनदयाल नगर-शताब्दीपुरम में रावण दहन पिछले 16 साल से किया जा रहा है। हमने नई पीढ़ी को अपनी परंपराओं से जोड़ने के लिए इसे चालू किया था। इस बार रावण दहन न हाेने से ऐसा कार्यक्रम करना था, जिसे हमें और हमारी नई पीढ़ी को प्रेरणा मिल सके। प्रभु श्रीराम के रूप में बच्चे से पौधरोपण कराया गया।
-दीपक तोमर, अध्यक्ष, चेतना मंच
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