आइस बकेट, फिटनेस जैसे चैलेंज तो आपने सुना होगा, लेकिन इंदौर के दो जवान एजुकेशन चैलेंज चला रहे हैं, ताकि गरीब बच्चों की शिक्षा का स्तर बेहतर हो। यहां बात हो रही है होमगार्ड सैनिक संजय सांवरे और ट्रैफिक जवान रंजीत सिंह की। दोनों मिलकर हर रविवार पहली से नौवीं तक के गरीब बच्चों को दो घंटे नि:शुल्क पढ़ाते हैं। बच्चों का पढ़ाई में मन लगा रहे, इसलिए उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए चैलेंज भी देते रहते हैं।
दोनों ने ऐसा ही एक चैलेंज बच्चों को 21 तक पहाड़ा याद करने के लिए दिया था कि जो बच्चा ऐसा कर दिखाएगा, उसे उसके मनमुताबिक मॉल में शॉपिंग कराई जाएगी। छठी में पढ़ने वाली 12 वर्षीय छात्रा पायल ने यह कर दिखाया तो उसे मॉल में ले जाकर उसकी पसंद की लहंगा-चुनरी दिलाई गई। संजय और रंजीत के मुताबिक, दोनों यह काम पांच साल से कर रहे हैं।
बहन की शादी होनी है, इसलिए लहंगा-चुनरी लिया
पायल ने बताया- माता-पिता बरात में लाइट उठाने का काम करते हैं। मैं शासकीय स्कूल में पढ़ती हूं। मॉल को अंदर से नहीं देखा था। कुछ दिन में बहन की शादी होने वाली है। मुझे उसमें पहनने के लिए लहंगा-चुनरी चाहिए थी। पैसे नही थे। अंकल का दिया चैलेंज मैंने पूरा कर दिया तो मुझे मेरी पसंद का लहंगा चुनरी दिलाया। बड़ी होकर मैं भी लोगों की मदद करूंगी।
शिक्षकों से अपील आपका प्रयास संवारेगा भविष्य
दोनों जवानों ने दसवीं और बारहवीं के बच्चों को पढ़ाने के लिए सोशल मीडिया पर अपील की है कि यदि कोई शिक्षक नि:शुल्क बच्चों को पढ़ा सके तो जरूर आइए। दोनों जवानों ने बताया कि अकसर देखने में आता है कि गरीब बच्चे पढ़ाई के अभाव में अपराध की तरफ बढ़ जाते हैं। उन्हें सही शिक्षा मिले तो वे सही दिशा में आगे बढ़ेंगे। हम चाहते हैं और भी शिक्षक इससे जुड़ें।
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